अहमदाबाद। बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की सजा माफ करने वाली सरकारी समिति का हिस्सा रहे भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक ने गुरुवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के इस मामले में दोषी कुछ लोग 'ब्राह्मण' हैं, जिनके अच्छे 'संस्कार' हैं और यह संभव है कि उनके परिवार की अतीत की गतिविधियों के चलते उन्हें फंसाया गया होगा।
गोधरा से भाजपा विधायक सीके राउलजी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि 15 साल से ज्यादा समय बाद जेल से रिहा किए गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं। बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उपजेल से रिहा कर दिया गया था।
गुजरात सरकार की सजा माफी योजना के तहत उन्हें रिहा किया गया था। राउलजी ने एक समाचार पोर्टल से कहा, हमने उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर निर्णय लिया था। हमें दोषियों के आचरण को देखना था और उन्हें समय से पहले रिहा करने पर निर्णय लेना था।
उन्होंने कहा, हमने जेलर से पूछा और पता चला कि जेल में उनका आचरण अच्छा था। इसके अलावा कुछ दोषी ब्राह्मण हैं। उनके संस्कार अच्छे हैं। राउलजी ने कहा कि दोषियों को फंसाया गया हो सकता है।
उन्होंने कहा, संभव है कि उनके परिवार के अतीत में किए गए कामों के कारण उन्हें फंसाया गया हो। जब ऐसे दंगे होते हैं तो ऐसा होता है कि जो शामिल नहीं होते उनका नाम आता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्होंने अपराध किया था या नहीं। हमने उनके आचरण के आधार पर सजा माफ की।(भाषा)