राजस्थान की राजधानी जयपुर में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को 3000 से ज्यादा संक्रमण के मामले आए हैं। दूसरी ओर, सड़कों पर नाममात्र का ट्रैफिक है, आवश्यक सामग्री को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं। राहत की बात यह है कि उचित प्रबंधन के चलते ऑक्सीजन और रेमडिसिविर इंजेक्शन की कोई मारामारी नहीं है।
राजस्थान के जिन 4 जिलों में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं उनमें राजधानी जयपुर शीर्ष पर है। इसके अलावा जोधपुर, कोटा और उदयपुर में ज्यादा केस आ रहे हैं। जयपुर में शुक्रवार को 3036 मामले सामने आए हैं, जबकि एक दिन पहले गुरुवार को 2300 से ज्यादा मामले आए थे। जयपुर में कुल संक्रमितों की संख्या 88 हजार से ज्यादा हो गई है। वहीं, राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गई है।
अभिभाषकद्वय अमरजीत सिंह मस्ताना एवं संदीप शर्मा ने बताया कि सड़कों पर ट्रैफिक नहीं के बराबर है। या तो जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग बाहर निकल रहे हैं या फिर कुछ लोग चोरी-छिपे सड़कों पर निकल रहे हैं। हालांकि पुलिस अवांछित तत्वों के खिलाफ सख्ती बरत रही है। हालांकि कुछ लोग टीकाकरण के लिए भी घरों से निकल रहे हैं।
इसी तरह बार एसोसिएशन के दफ्तर में कार्यरत रणवीरसिंह शेखावत ने बताया कि किराना, दूध, सब्जी आदि आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुली हैं। अन्य बाजार पूरी तरह बंद हैं। सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज नहीं हो रहा है। शेखावत कहते हैं कि लगातार बढ़ रहे मामले चिंता का विषय हैं। लोगों को कोरोना को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
दो स्तरों पर काम कर रही है मेडिकल टीम : जयपुर के सीएमएचओ डॉ. नरोत्तम शर्मा ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि कोरोनावायरस का संक्रमण तो लगभग पिछले एक साल से चल रहा है, लेकिन अप्रैल 2021 में यह तेजी से बढ़ा है। वर्तमान हालात में हमें दो स्तर पर काम करना पड़ रहा है- पहला फील्ड में और दूसरा हास्पीटल के स्तर पर। हम रेपिड रेस्पोंस टीम को घर-घर भेजकर मरीजों को आइसोलेट कर रहे हैं, उन्हें दवाई भी दे रहे हैं साथ ही कॉन्टेक्ट को क्वारंटाइन कर रहे हैं। लोग घरों से न निकलें इसके लिए पुलिस का भी सहयोग ले रहे हैं। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कंटेनमेंट झोन भी बना रहे हैं।
ऑक्सीजन को लेकर मारामारी नहीं : डॉ. शर्मा ने बताया कि सरकारी और निजी मिलाकर कुल 64 अस्पताल कोविड के इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके लिए 5 से 7 हजार बेड चिह्नित किए गए हैं। ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर भी बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे यहां ऑक्सीजन की कोई शॉर्टेज नहीं है। हालात न बिगड़ें इसके लिए जिला स्तर पर कमेटियां बनाई गई हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य के हर जिले में कमेटियां बनाई गई हैं। जयपुर में भी एडीएम की देखरेख में कमेटी काम कर रही है। अस्पतालों की डिमांड के अनुसार सप्लाई की जा रही है। डॉ. शर्मा ने बताया कि यहां रेमडिसिविर की भी कोई शॉर्टेज नहीं है। रिपोर्ट देखने के बाद डिमांड के मुताबिक सप्लाई हो रही है। हालांकि सिर्फ शहरी क्षेत्र में संक्रमण ज्यादा है, ग्रामीण इलाकों में परेशानी नहीं है।
अब तक 3389 की मौत : चिकित्सा विभाग के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कोरोना से अब तक 3389 मरीजों की मौत हो चुकी हैं। इनमें सर्वाधिक मौते 592 राजधानी जयपुर में हुई हैं। इसी तरह जोधपुर में 423, अजमेर में 245, कोटा में 233, उदयपुर में 203 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
नियंत्रण कक्ष स्थापित : सरकार ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। इसमें 20 अधिकारियों को तैनात किया गया है। नियंत्रण कक्ष 8-8 घंटे की तीन पालियों में चौबीस घंटे काम करेगा। इसमें आईपीएस, आरएएस व आरपीएस अधिकारियों को अलग-अलग पाली में तैनात किया जाएगा। एक पाली में 5 अधिकारी होंगे, जबकि 5 अधिकारियों को रिजर्व में रखा गया है। (सभी फोटो : रणवीरसिंह शेखावत)