Court seeks answers in Chandigarh mayor election case : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने महापौर का नए सिरे से चुनाव कराने की आम आदमी पार्टी (AAP) की अर्जी पर बुधवार को कोई राहत देने से इनकार कर दिया तथा चंडीगढ़ प्रशासन एवं नगर निगम से 3 हफ्ते में जवाब मांगा।
आम आदमी पार्टी ने मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय से मंगलवार के चुनाव को खारिज करने तथा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में नए सिरे से महापौर का चुनाव कराने का अनुरोध किया है।
भारतीय जनता पार्टी ने कल आश्चर्यजनक ढंग से कांग्रेस-आम आदमी पार्टी (AAP) गठबंधन को हराते हुए चंडीगढ़ महापौर चुनाव में सभी तीन शीर्ष पद जीत लिए। इस गठबंधन ने पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया है।
न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बुंगेर की खंडपीठ ने बुधवार को चंडीगढ़ प्रशासन, चंडीगढ़ नगर निगम, पीठासीन अधिकारी अनिल मसिह, नवनिर्वाचित महापौर मनोज सोनकर एवं अन्य को नोटिस जारी कर उनसे तीन हफ्ते में जवाब मांगा।
इस मामले में अगली सुनवाई 26 फरवरी को होगी। आप पार्षद एवं महापौर पद के लिए प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चंडीगढ़ नगर निगम और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासन एवं अन्य के खिलाफ याचिका दायर की है।
सुनवाई के बाद चंडीगढ़ प्रशासन के वकील अनिल मेहता ने कहा कि अदालत ने याचिकाकर्ता को कोई अंतरिम राहत नहीं दी। मेहता ने कहा, हमें जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि याचिका की पोषणीयता से जुड़ा मुद्दा अब भी लंबित है।
याचिकाकर्ता के वकील गुरमिंदर सिंह ने कहा कि अदालत ने नोटिस जारी किया तथा प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते दिए। सिंह ने कहा, हमारे अनुरोध का दायरा था कि महापौर चुनाव परिणाम खारिज किया जाए तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं। सिंह पंजाब के महाधिवक्ता भी हैं।
अपनी अर्जी में याचिकाकर्ता ने अदालत से उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है ताकि कोई कदाचार न हो। अर्जी के मुताबिक यह याचिका इसलिए दायर की गई क्योंकि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव नहीं कराए गए तथा मतों की गिनती के दौरान नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया गया, मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ के बाद उन्हें अवैध घोषित कर दिया गया...।
याचिकाकर्ता ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान की गई समूची धोखाधड़ी की किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह मतपत्रों के रिकार्ड एवं मंगलवार की चुनाव प्रक्रिया की कार्यवाही एवं वीडियोग्राफी समेत चुनाव की समूची प्रक्रिया को सील कर अदालत के सामने पेश करने का प्रतिवादियों को निर्देश दे। याचिकाकर्ता ने अदालत से यह निर्देश देने की भी मांग की है कि नवनिर्वाचित महापौर को काम करने से रोका जाए क्योंकि चुनाव की पूरी प्रक्रिया गलत है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में आसान जीत का अनुमान था और इसे विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए प्रारंभिक परीक्षा के रूप में पेश किया था। लेकिन भाजपा ने चुनाव में तीनों शीर्ष पद जीत लिए। विपक्षी पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा मतपत्रों में कथित रूप से गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया है। मसीह और भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया।
कांग्रेस और AAP ने किया प्रदर्शन : कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चंडीगढ़ के महापौर चुनाव में सभी तीन शीर्ष पदों पर भाजपा की जीत के एक दिन बाद यहां संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। आप और कांग्रेस के पार्षदों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मंगलवार के महापौर चुनाव में लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया।
प्रदर्शनकारी महापौर चुनाव के सिलसिले में पुलिस शिकायत दर्ज कराने यहां सेक्टर 17 के थाने के समीप इकट्ठा हुए। थाने के समीप भारी पुलिस बल तैनात किया गया था और बैरीकेड (अवरोधक) लगाए गए थे। प्रदर्शनकारियों ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर चुनाव के दौरान कुछ मतपत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि इसी छेड़छाड़ की वजह से आठ मत अवैध घोषित कर दिए गए।
आप नेता एस एस अहलुवालिया ने कहा, यदि देश में लोकतंत्र को कोई खतरा है तो यह भाजपा से है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल, कांग्रेस की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष एचएस लकी और कई आप नेता प्रदर्शन में शामिल हुए। कांग्रेस-आप गठबंधन को झटका देते हुए भाजपा ने मंगलवार को चंडीगढ़ का महापौर चुनाव जीत लिया और सभी तीन पद उसके पास बने रहे।
कांग्रेस और आप ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। कल जब महापौर पद के चुनाव के परिणाम की घोषणा की गई तब चंडीगढ़ नगर निगम के सदन में विपक्षी इंडिया गठबंधन के दो घटकों- कांग्रेस और आप के पार्षदों ने हंगामा किया। उन्होंने वरिष्ठ उपमहापौर एवं उपमहापौर के पदों के चुनाव के अगले चरण का बहिष्कार किया।
भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने महापौर पद के चुनाव में आप के कुलदीप कुमार को हराया। सोनकर को 16 एवं कुमार को 12 वोट मिले। आठ वोट अवैध घोषित कर दिए गए। भाजपा उम्मीदवारों- कुलजीत संधू और राजिंदर शर्मा को क्रमश: वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर के पदों के लिए निर्वाचित घोषित किया गया। दोनों को 16-16 वोट मिले। विपक्षी पार्षदों ने चुनाव में मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। भाजपा ने इस आरोप को बकवास बताया। (एजेंसियां)
Edited By : Chetan Gour