Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

गंगा तीरे साहसिक पर्यटन का लुत्फ उठाने को उत्तराखंड के तीर्थ और पर्यटन स्थलों में वीकेंड में जुटने लगी भीड़

हमें फॉलो करें गंगा तीरे साहसिक पर्यटन का लुत्फ उठाने को उत्तराखंड के तीर्थ और पर्यटन स्थलों में वीकेंड में जुटने लगी भीड़

एन. पांडेय

, गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (18:19 IST)
देहरादून। राफ्टिंग, कैंपिंग और जंगल सफारी का रोमांच उठाने समेत इस नवदुर्गे पर्व के मौके पर देश ही नहीं, दुनिया की योग की राजधानी ऋषिकेश और प्रख्यात हिदू तीर्थ हरिद्वार में एसवी केंद्र पर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की भीड़ बढ़ रही है। यहां मंदिरों की घंटियां और नदियों की कलकल में भी बढ़ती भीड़ का असर दिख रहा है। नवदुर्गा पर्व के अवसर पर ऋषिकेश को रंग- बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। यहां का भक्तिभावयुक्त माहौल बरबस ही सबका मन मोह रहा है।
 
इस हफ्ते दशहरा, शनिवार और रविवार को लगातार 3 दिन का अवकाश मिलने से हरिद्वार-ऋषिकेश ही नहीं, नैनीताल-मसूरी और रानीखेत-कौसानी समेत कॉर्बेट पार्क के चारों तरफ के होटलों में बुकिंग की मारामारी दिख रही है। इन छुट्टियों को एक तरफ पर्यटक जहां खास अंदाज में प्रकृति के सुंदर नजारों और गंगा के तट पर बिताने को लालायित दिख रहे हैं, वहीं आध्यात्मिक प्रवृत्ति के लोग अपने परिवारों समेत खास अंदाज में प्रकृति के सुंदर नजारों और गंगा के तट पर बिताने के लिए यहां का रुख कर रहे हैं। यहां मां गंगा, तमाम मंदिर, मां दुर्गा से जुड़े सिद्धपीठ चांदीदेवी, मनसादेवी मंदिर आध्यात्मिक लोगों के लिए सम्मोहन का कारण हैं। 
इसके अलावा उत्तराखंड में इन दिनों हिल स्टेशनों में बंगाली सीजन का भी आगाज हो जाने से नैनीताल, पौड़ी, कौसानी, रानीखेत, मसूरी, चकराता, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे पर्यटन स्थलों पर भी पर्यटकों की आवक बढ़ी है।
 
ऋषिकेश और हरिद्वार तो ऐसे डेस्टिनेशन बनकर उभरे हैं कि यहां जितने तीर्थयात्री आते हैं, उतने ही पर्यटक भी यहां आना चाहते हैं। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के अधिकांश शहरों से यहां की अच्छी पहुंच होने के कारण ऋषिकेश और आसपास का क्षेत्र परिवार के साथ इन छुट्टियों के लिए सबसे उपयुक्त ठिकाना बन गया है। तीर्थनगरी ऋषिकेश योग और अध्यात्म के साथ पर्यटन के लिए खास डेस्टिनेशन बन चुका है। गंगा के सान्निध्य के साथ साहसिक पर्यटन क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले अंग्रेज पर्यटकों का भी यह बड़ा डेस्टिनेशन है। रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, बंजी जंपिंग, जंगल सफारी जैसी गतिविधियों में दिलचस्पी रखने वाले यहां आना चाहते हैं।
 
ईको टूरिज्म जोन राफ्टिंग के लिए यहां कौडियाला-मुनिकीरेती विश्व प्रसिद्ध है। 250 से अधिक राफ्टिंग कंपनियां गंगा में राफ्टिंग का संचालन करती हैं। ऋषिकेश शहर के अलावा यहां मुनि की रेती, तपोवन, स्वर्ग आश्रम, लक्ष्मण झूला आदि दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं। इसके अलावा गंगा घाटी में शिवपुरी, कौडियाला, माला खूंटी, व्यासी आदि स्थल अलग की आकर्षण का केंद्र हैं।

webdunia
 
इसी तरह हेंवल घाटी में भी कैंपिंग और अन्य गतिविधियों के लिए बेहतरीन जगह उपलब्ध हैं। 
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट, रघुनाथ मंदिर, ऋषि कुंड, आस्था पथ, प्राचीन श्री भरत मंदिर, चंद्रेश्वर महादेव मंदिर, वीरभद्र मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, वीरभद्र उत्खनन स्थल, जानकी सेतु, राम झूला, लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम, चौरासी कुटी, भूतनाथ मंदिर, तेरह मंजिल, चौदह मंजिल मंदिर, हेंवल घाटी, नीलकंठ महादेव मंदिर, नरेंद्र नगर, कुंजापुरी मंदिर, शिवपुरी, कौडियाला, व्यासी आदि हैं। सप्ताहांत पर ऋषिकेश क्षेत्र में सबसे अधिक पर्यटक पहुंचते हैं। 
इसके अलावा पर्यटकों के इन दिनों हिमालय दर्शन के लिए नैनीताल और मसूरी के पहाड़ों पर आने का भी सिलसिला बढ़ा है। नैनीताल और उसके आसपास की झीलों का अप्रितम सौन्दर्य निहारने को भी देश दुनिया के लोग यहां का रुख करते हैं।
 
रिस्टबैंड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए मुख्य सचिव ने : माउंटेनियर्स और ट्रैकर्स के लिए रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए ताकि उन्हें सैटेलाइट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। सर्च ऑपरेशंस में इससे काफी सहायता मिलेगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को ये निर्देश दिए। पर्वतारोहियों एवं ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए अन्य आवश्यक इंतजाम भी सुनिश्चित करने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिए।
 
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, परंतु ऑफ सीजन टूरिज्म की व्यापक संभावनाएं है। इन्हें तलाशते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर कार्य किया जाए। हेलीपैड्स एवं हेलीपोर्ट्स के निर्माण पर शीर्घ से शीघ्र कार्य किया जाए। पर्यटन स्थलों में हेलीपैड्स विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जाए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की बहुत अधिक संभावनाएं हैं, परंतु कनेक्टिविटी के कारण पिछड़ रहे हैं, उन क्षेत्रों में प्राथमिकता पर फोकस किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हर 20, 30 किलोमीटर पर पानी व टॉयलेट आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि यात्रियों और आमजन को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए सुचारु संचालन के लिए छोटी-छोटी शॉप्स आदि की व्यवस्था की जा सकती हैं।
 
उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर सभी उम्र के पर्यटकों के अनुसार सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। युवा वर्ग टेक्नोलॉजी का बहुत प्रयोग करता है। युवाओं को प्रत्येक जानकारी फोन पर चाहिए। इसके लिए ऐसी ऐप और वेबसाइट तैयार की जाए जिस पर हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो, परंतु वृद्धों के लिए ऑफलाइन जानकारियों की व्यवस्था भी रखी जाए। ऐप और वेबसाइट को सिटीजन फ्रेंडली एवं ईजी टू यूज बनाया जाए। पर्यटन स्थलों को बच्चों के सैर-सपाटे के अनुरूप भी विकसित किया जाना चाहिए।
 
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्रों में पर्यटन की संभावना होने के बावजूद सुविधाओं के अभाव के कारण यह सब संभव नहीं हो पा रहा है, वहां रिसॉर्ट विकसित किए जा सकते हैं जिन्हें शुरुआत में जीएमवीएन एवं केएमवीएन के माध्यम से चलाकर प्रॉफिट गेनिंग होने पर बेचा जा सकता है और उस पैसे से नई जगह डेवेलप की जा सकती है। इससे प्रदेश में अनेक पर्यटन स्थल विकसित हो जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाए।
 
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी कार्ययोजनाओं पर समयबद्धता के साथ कार्य किया जाए। प्रत्येक कार्य के लिए समयसीमा पूर्व में ही निर्धारित की जाए। प्रत्येक योजना को साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मॉनिटरिंग की जाए ताकि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को मार्केटिंग और पब्लिसिटी पर भी विशेष फोकस किए जाने के निर्देश दिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बुलेटप्रूफ मोबाइल से बची जान, सोशल मीडिया पर छाया मामला