जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर में झंडा उतार फेंकने और दूसरा झंडा लगाने को लेकर विवाद हो गया। पिछले 24 घंटों में 3 बार पथराव के बाद शहर के 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है। शहर में हालात तनावपूर्ण हैं। इस बीच कांग्रेस और भाजपा में सियासी संग्राम तेज हो गया।
जोधपुर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय राजकुमार चौधरी ने जोधपुर के दस थाना क्षेत्रों में 4 मई की रात 12 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। इसके तहत थाना क्षेत्र उदयमंदिर, सदरकोतवाली, सदरबाजार नागोरी गेट, खांडाफलसा, प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर देवनगर, सूरसागर, सरदारपुरा में कर्फ्यू की घोषणा की गई है। इस दौरान कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति पत्र के गृह सीमा के बाहर नहीं निकलेगा।
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने इस मामले में राजस्थान के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। सीएम गेहलोत ने शांति की अपील करते हुए पुलिस को असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने जोधपुर हिंसा भाजपा की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि जहां-जहां चुनाव होंगे, वहां इस तरह की हिंसा होती है। भाजपा का एजेंडा हिंदू और मुसलमान को लड़ाकर प्रांत के भाईचारे को खत्म करना है।
भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस राज में औरंगजेबी मानसिकता किस तरह हावी हो गई है, यह जोधपुर की घटना से साफ पता चलता है। जालोरी गेट पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति से झंडा उतारकर विशेष तरह का झंडा फहराना और फिर पत्थरबाजी की घटना, बिना सत्ता के संरक्षण में संभव नहीं हो सकती है।'