धर्मेन्द्र सांगले की रिपोर्ट
गुजरी। धार जिले की धरमपुरी तहसील के ग्राम कोठीदा भारुड़पुरा में करीब 100 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन डेम पहली बारिश में ही सीपेज हो गया। 100 करोड़ की लागत से बांध का निर्माण किया गया था जिससे 11 गांवों को लाभ मिलता, परंतु डेम में सीपेज होने से जगह-जगह से पानी के फव्वारे निकल रहे हैं।
यदि समय रहते आधिकारी इसका निरीक्षण करते तो शायद डेम सीपेज नहीं होता। अधिकारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी। जिस डेम के बनने का ग्रामीण बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उसमें सीपेज होने से उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
डेम में सीपेज के पीछे क्या कारण है? इस बारे में अभी कुछ कह नहीं सकते। सीपेज की सूचना पर जिला कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन, सिंचाई विभाग के ई. निनामा, सिंचाई विभाग के एसडीओ सिद्दीकी सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और डेम का निरीक्षण किया।
गुजरी के आसपास कोठीदा, भारुड़पुरा, इमलीपुरा, भांडाखो, दुगनी, डेहरिया, सिमराली, सिरसोदिया, डहीवर, लसनगांव, हनुमंतिया आदि बांध के निचले क्षेत्र में बसे 11 गांवों को तुरंत खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं।
धार के जिलाधिकारी डॉ. पंकज जैन ने बताया कि इस बांध में पहली बार पानी भरा गया है। उन्होंने कहा, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है और इस रिसाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह से इस बांध से पानी का रिसाव बढ़ गया है और बांध की सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है। हम सभी संभावित उपाय कर रहे हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।
धार के कारम डैम साइट के लिए सेना के जवान रवाना हो गए हैं। एनडीआरएफ की 3 अतिरिक्त टीम बचाव सामग्री के साथ दिल्ली से धामनोद के लिए रवाना की जा रही है। वायुसेना के 2 हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य के लिए तैयार रखे हैं। इंदौर संभाग और धार जिले के सभी संबंधित उच्च अधिकारी रात में धामनोद और डैम साइट पर ही रुकेंगे और बचाव कार्य की सतत निगरानी करेंगे।