रामपुर (उत्तर प्रदेश)। पत्नी के साथ झगड़े के बाद यहां एक व्यक्ति ने गुस्से में डेढ़ और ढाई साल की अपनी बेटियों को हाथ-पैर बांधकर उन्हें जंगल में कथित रूप से छोड़ दिया, लेकिन स्थानीय लोगों ने दोनों बच्चियों को बचा लिया एवं उन्हें उनके परिवार से मिला दिया।
हालांकि पुलिस ने मोहम्मद रफी नामक इस व्यक्ति पर यह कहते हुए कोई आरोप नहीं जड़े कि यह बच्चियों के सर्वश्रेष्ठ हित में है। पुलिस के अनुसार, अपनी इस हरकत के बाद रफी का दिल पसीज गया और वह अपनी बच्चियों को वापस लाने गया था।
सिविल लाइंस थाने के निरीक्षक वाहिद खान ने बताया कि रामपुर निवासी रफी की दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ कहासुनी हुई थी, जिसके बाद वह अपनी बेटियों को रामपुर लाया, उसने उनके हाथ-पैर बांध दिए एवं उन्हें झाड़ियों में फेंक दिया।
इसी बीच इलाके के एक युवक ने ऐसा करते हुए देख लिया। उसने इस बात की सूचना ग्रामीणों को दी जिन्होंने दो बच्चियों को बचा लिया एवं उन्हें पूर्व प्रखंड प्रमुख मोहम्मद अकबर को सौंप दिया। इस घटना से द्रवित हुए अकबर ने पुलिस को सूचना दी एवं उनकी देखभाल करने की पेशकश की।
पुलिस के अनुसार, रफी को अपनी गलती का अहसास हुआ, उसने अपनी बेटियों को ढूंढने का प्रयास किया। वह पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन उसने उसे लड़कियों को देने से इनकार कर दिया, तब रफी ने अपनी पत्नी से संपर्क किया, उसे सारी बातें बताईं एवं उसे रामपुर थाने बुलाया।
निरीक्षक ने कहा, अपने मां-बाप को देखकर दोनों बच्चियां रोने लगीं एवं वे दौड़कर अपनी मां से लिपट गईं। इससे हमारा मन बदल गया। हमने बच्चियों के भविष्य के हित में उन्हें उनकी मां को सौंप दिया। यदि मैंने कानूनी कार्रवाई की होती तो बच्चियों का भविष्य गर्त में जा सकता था। (भाषा)