जसोला। राजस्थान के बाड़मेर में रविवार को एक बवंडर ने डेढ़ मिनट में तबाही मचा दी। जसोल गांव में रामकथा के दौरान पांडाल गिर गया। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई और 70 घायल हो गए। हादसे की जांच में आयोजकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। खबरों के मुताबिक, लोगों की मौत बवंडर के बाद फैले करंट से हुई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज घटनास्थल का दौरा करेंगे।
हादसे के चश्मदीदों के मुताबिक आयोजकों ने रामकथा के लिए प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी। पांडाल में जो बिजली के उपकरण लगाए गए थे, उनमें नंगे तारों से बिजली दी जा रही थी। जिस जनरेटर से बिजली दी जा रही थी, उसे ऑपरेट करने वाला भी कोई नहीं था। हादसे में बचे श्रद्धालुओं ने कहा कि अगर आयोजन स्थल पर एंबुलेंस होती तो कई जानें बचाई जा सकती थीं।
खबरों के मुताबिक बवंडर को देखते हुए रामकथा कर रहे मुरलीधर महाराज ने श्रद्धालुओं को आगाह किया था कि वे पांडाल से बाहर चले जाएं। लोगों ने महाराज पर यह भी आरोप लगाया कि मुरलीधर महाराज खुद गाड़ी चलाकर घटनास्थल से फरार हो गए।
इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 2 लाख रुपए देने की घोषणा की है।