नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार के हस्तक्षेप से भाजपा शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम स्कूलों के 586 संविदात्मक शिक्षकों के कॉन्ट्रैक्ट को शुक्रवार को दोबारा रिन्यूअल किया गया। शुक्रवार को इन शिक्षकों ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से आम आदमी पार्टी कार्यालय में मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद दिया।
दरअसल दिल्ली नगर निगम ने मई 2020 में इन शिक्षकों का अनुबंध ख़त्म कर दिया था। पिछले 17 महीने से ये सभी शिक्षक भाजपा के मेयर से अपने अनुबंध के रिन्यूअल की मांग कर रहे थे लेकिन उन्हें केवल आश्वासन मिलता रहा। इस दौरान दक्षिणी नगर निगम में दो मेयर भी बदल गए। तब इन शिक्षकों ने अपनी इस परेशानी को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के समक्ष रखा।
शिक्षकों की इस परेशानी को देखते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को तत्काल इन सभी शिक्षकों का एसएसए के तहत नया अनुबंध जारी करने का आदेश दिया और दिल्ली सरकार के हस्तक्षेप से सभी 586 शिक्षकों को उनकी नौकरी दोबारा मिल गई है। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी की कालका जी से विधायक आतिशी व आम आदमी पार्टी से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष प्रेम चौहान भी मौजूद रहे।
नया अनुबंध जारी होने के बाद इन शिक्षकों ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर शिक्षकों ने उपमुख्यमंत्री के समक्ष साझा किया कि उन्होंने पिछले 17 महीने में 100 बार से ज्यादा बार अपने अनुबंध के रिन्यूअल के लिए लगातार मेयर ऑफिस के चक्कर काटे। 12-12 घंटे मेयर के घर के बाहर इंतजार करते थे लेकिन उनकी समस्या की कोई सुनवाई नहीं हुई और उन्हें बहाल नहीं किया गया।
शिक्षकों ने बताया कि उन्हें कोरोना के दौरान नौकरी न होने के कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। इन शिक्षकों में से कई शिक्षक पिछले 15-20 सालों से एमसीडी के स्कूलों में कार्यरत हैं उसके बावजूद भाजपा शासित एमसीडी द्वारा इनकी अनदेखी की गई।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी ने शिक्षा का बंटाधार कर दिया है। आज एमसीडी के स्कूल बदहाल पड़े हुए हैं। स्कूलों से लगातार बच्चे कम होते जा रहे हैं। एमसीडी में बेइमानी और भ्रष्टाचार इतना ज्यादा व्याप्त है कि शिक्षकों को कई-कई महीनों तक सैलरी नहीं मिलती है और जब दिल्ली सरकार अपनी ओर से एमसीडी शिक्षकों के लिए सैलरी जारी करती है तो भाजपा शासित एमसीडी के नेता उन पैसों का भी गबन कर जाते हैं।
सिसोदिया ने कहा कि इस देश में 2 तरह की राजनीति चल रही है। एक ओर राजनीतिक पार्टियां सत्ता में आने के बाद नौकरियां देने के बजाय लोगों की नौकरियां छीन रही हैं, लोगों की दुकानें बंद करवा रही हैं, जनता के टैक्स के पैसों की चोरी कर रही हैं और धर्म व जाति के नाम पर वोट मांगती हैं। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी की ईमानदारी की राजनीति है- जो शिक्षा की बात करती है और शिक्षा के माध्यम से विकसित राष्ट्र तैयार करने की बात करती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक के बिना एक विकसित राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है लेकिन भाजपा शासित एमसीडी अपने स्कूलों में शिक्षकों को लाने के बजाय उन्हें नौकरी से निकाल रही है। सिसोदिया ने साझा किया कि 2015 में जनता द्वारा चुने जाने के बाद से केजरीवाल सरकार का बजट 2015 में 30,000 करोड़ की तुलना में बढ़कर 2021 में 69,000 करोड़ हो गया। इस दौरान केजरीवाल सरकार ने भाजपा शासित एमसीडी के शिक्षा बजट को भी बढ़ाया लेकिन अपने निक्कमेपन और भ्रष्टाचार के कारण भाजपा के नेताओं ने सारे पैसे गबन किए और दिल्ली एमसीडी का बंटाधार कर दिया।
उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि लोग अपने वोट की ताकत को समझें। आज कुछ राजनीतिक पार्टियां देश को ठीक उस प्रकार तोड़कर रखना चाहती हैं जैसे अंग्रेजों ने किया था। वे न तो शिक्षा पर बात करना चाहती हैं और न ही स्वास्थ्य पर। केवल और केवल बांटने वाली राजनीति करती हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि ऐसी राजनीति को चुना जाए जो शिक्षा, स्वास्थ्य की बात करे। जिस दिन शिक्षा के नाम पर वोट पड़ने लगेगा उस दिन देश में बदलाव आना शुरू हो जाएगा।
इस अवसर पर कालका जी से विधायक आतिशी ने कहा कि ये बेहद दुःख की बात है कि 21वीं सदी में भी देश का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों को अपने अधिकारों के लिए 18 महीने तक दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं लेकिन एमसीडी की निकम्मी भाजपा सरकार ने उनकी परेशानी पर ध्यान नहीं दिया। भाजपा शासित एमसीडी में आज भ्रष्टाचार इतना व्याप्त हो गया है कि शिक्षकों की बहाली के बजाय पैसे गबन करने के चक्कर में भाजपा शासित एमसीडी द्वारा शिक्षकों को उनकी नौकरियों से निकाला जा रहा है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने कहा कि हम शिक्षकों के हक़ की लड़ाई लड़ते रहेंगे। आम आदमी पार्टी शिक्षकों को उनका हक़ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम एमसीडी में भाजपा के नाकारापन के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।