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दिल्ली कैंट गर्ल केस की जांच करेगी क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस ने सौंपा मामला

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, बुधवार, 4 अगस्त 2021 (22:10 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि कथित यौन उत्पीड़न के बाद 9 वर्षीय एक बच्ची की मौत के मामले की वह मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा बच्ची के माता-पिता से मिलने की एक तस्वीर ट्वीट किए जाने पर विवाद पैदा हो गया।

भाजपा ने जहां राहुल पर अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप लगाया, वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर करने को किशोर न्याय तथा पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानूनों का उल्लंघन बताते हुए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट से कांग्रेस नेता के ट्विटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को मामले को क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि न्याय के हित में त्वरित सुनवाई को लेकर और अधिक तीव्र गति से तथा वैज्ञानिक जांच के लिए ऐसा किया गया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दोषी के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने की मांग की।

दिन में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राहुल और करात ने बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी मामले की त्वरित जांच की मांग की।

केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार मामले की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी और बच्ची के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि हमारी बच्ची वापस नहीं आ सकती। परिवार के साथ हुआ अन्याय दुर्भाग्यपूर्ण है और उसकी भरपाई नहीं हो सकती, लेकिन सरकार परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी और घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश देगी।

दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पुराना नांगल इलाके में बीते रविवार को जब बच्ची एक श्मशान घाट के कूलर से पानी लेने गई थी तभी रहस्यमय परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई थी। उसके माता-पिता का आरोप है कि उससे बलात्कार किया गया और उसके शव का श्मशान घाट के पुजारी ने जबरन दाह संस्कार कर दिया, जिसने दावा किया है कि उसे करंट लग गया था। बच्ची के माता-पिता ने बड़ी संख्या में जुटे लोगों के साथ दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पुराना नांगल इलाके में घटनास्थल पर धरना दिया और दोषियों को मृत्युदंड दिए जाने की मांग की।

राहुल ने बच्ची के माता-पिता से मुलाकात के बाद कहा कि मैंने उनसे कहा है कि न्याय मिलने तक राहुल गांधी उनके साथ खड़ा रहेगा और हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि परिवार सिर्फ न्याय मांग रहा है तथा दावा किया कि उन्हें यह नहीं मिल रहा है तथा इसमें हर मदद करने की जरूरत है। जब पत्रकारों ने पूछा कि इस घटना के लिए वे किसे जिम्मेदार मानते हैं तो कांग्रेस नेता ने कहा ‍कि मैं सिर्फ यह जानता हूं कि मेरा काम इस परिवार की मदद करने का है।

इससे पहले, उन्होंने बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं- उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हक़दार है। और न्याय के लिए इस रास्ते पर मैं उनके साथ हूं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक एजेंडे को बढ़ाने के लिए मामले का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने साथ ही, कहा कि पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानून व्यवस्था तंत्र तेजी से काम कर रहा है।

पात्रा ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार का ‘चयन’ का तरीका निंदनीय है क्योंकि उन्होंने राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों में दलित लड़कियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में कभी न तो ट्वीट किया और न ही एक शब्द बोला है। राहुल गांधी ने इससे पहले बुधवार को पीड़ित बच्ची के परिवार से मुलाकात कर पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग की।

इस बीच, एनसीपीसीआर ने ट्विटर के स्थानीय शिकायत अधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि उसे शिकायत मिली है कि पीड़िता के परिवार का फोटो राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल पर डाला गया है और उसका शीर्षक है कि वे बच्ची के पिता एवं माता हैं। आयोग ने कहा कि  इस कथित फोटो में पीड़िता के माता-पिता के चेहरे देखे जा सकते हैं जो लड़की की पहचान उजागर करता है।
उसने कहा, इसलिए, उक्त ट्विटर हैंडल पर बच्ची के परिवार के फोटो पोस्ट करने को आयोग किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74, पोक्सो अधिनियम की धारा 23, भादंसं की धारा 228 ए एवं माननीय अदालतों के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन मानता है। उसने कहा कि तद्नुसार यह शिकायत उक्त ट्विटर हैंडल के विरूद्ध उपयुक्त कार्रवाई...एवं इस मंच से इस ट्वीट को हटवाने के लिए भेजी जा रही है। आयोग ने तीन दिन के अंदर इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस शासित राज्यों में बलात्कार की घटनाओं पर राहुल की ‘चुप्पी’ को लेकर सवाल किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं के सवाल का जवाब दे रहे थे। ठाकुर ने कहा कि वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे कि कौन पीड़िता के परिवार से मिलने गया या क्या यह राजनीतिक कारणों से था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे उन राज्यों में बलात्कार और बच्चियों की मौत की घटनाओं को देखते हैं जहां वो सत्ता में नहीं हैं। वे पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में नहीं देखते हैं जहां उनकी सरकारें हैं।

भीम आर्मी ने जुलूस निकाला : कथित बलात्कार और कथित हत्या के दोषियों को मौत की सजा की मांग करते हुए ‘भीम आर्मी’ के सदस्यों ने बुधवार को इंडिया गेट के पास मोमबत्ती जुलूस निकाला। समूह के सौ सदस्य इंडिया गेट के पास एकत्र हुए और उन्होंने मोमबत्ती जलाकर बच्ची के लिए न्याय की मांग की तथा नारे लगाए।

इनमें से एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि बच्ची से बलात्कार किया गया और साक्ष्य मिटाने के लिए परिवार की अनुमति के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्होंने कहा ‍कि यह सामान्य अपराध नहीं है। यह लक्षित कर किया गया अपराध है। इन अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।

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