धनबाद। झारखंड के धनबाद में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में धनबाद पुलिस ने रविवार को 243 लोगों को हिरासत में लिया, 17 अन्य को गिरफ्तार किया और 2 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि न्यायाधीश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में 243 लोगों को हिरासत में लिया गया है, 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है जबकि न्यायाधीश को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी की प्राथमीकि दर्ज करने में देरी के लिए पाथरडीह थाने के प्रभारी उमेश मांझी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने पर प्रशिक्षु दरोगा आदर्श कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति आनंद 28 जुलाई को सुबह की सैर पर निकले थे और रास्ते में उन्हें एक ऑटो रिक्शे ने पीछे से टक्कर मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक ने तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था जिसे हाईकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच करनी है।
पुलिस ने बताया था कि ऑटो चालक लखन कुमार वर्मा धनबाद के सुनार पट्टी का रहने वाला है जबकि दूसरा आरोपित राहुल वर्मा भी स्थानीय निवासी है और लखन कुमार वर्मा ने स्वीकार किया है कि घटना के वक्त ऑटो वही चला रहा था। उसकी गिरफ्तारी गिरिडीह से हुई जबकि दूसरे आरोपित राहुल वर्मा की गिरफ्तारी धनबाद स्टेशन से हुई।
इस बीच शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा कर दी जिसका दिवंगत न्यायाधीश के परिजनों ने स्वागत किया है।