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Diwali air pollution : दिल्ली में इस बार भी नहीं फूटेंगे पटाखे, केजरीवाल सरकार ने पटाखों के भंडारण और बिक्री पर लगाई रोक

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, बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (16:54 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी दिल्ली में सभी प्रकार पटाखों के भंडारण, बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।

मुख्यमंत्री ने सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए पटाखों का किसी भी तरह का भंडारण न करें। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी। वहीं, एनजीटी ने भी जहां पर हवा की गुणवत्ता खराब या बहुत खराब की श्रेणी में है, वहां कोरोना के दौरान पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि पिछले 3 साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।

मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखत हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर बेहद गंभीर है। प्रदूष्ण को नियंत्रित करने के लिए सरकार 10 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बना रही है। आगामी दिनों में विंटर एक्शन प्लान के अनुसार विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

उन्होंने दिल्ली निवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी। दिल्ली के लोगों की जिंदगी बचाने में हम जितना मदद कर सकते हैं, उतनी हमें करनी चाहिए। एनजीटी के अनुसार, दिल्ली उस जोन में है, जहां पर प्रदूषण काफी ज्यादा है। इसके अलावा, अभी हम कोरोना महामारी का सामना भी कर रहे हैं।

इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी तरह के पटाखों के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (NGT) द्वारा 01 दिसंबर 2020 को जारी एक निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि जहां पर हवा की गुणवत्ता खराब या बहुत खराब की श्रेणी में है, वहां पर एनजीटी ने कोविड-19 महामारी के दौरान पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एकत्र किए गए पिछले तीन साल के आंकड़े यह बताते हैं कि हवा की गुणवत्ता के मामले में दिल्ली खराब और उससे उपर के प्रदूषण सूचकांक में शामिल है।
 
कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। पिछले साल दिल्ली के अलावा राजस्थान, उड़ीसा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ ने पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 जिलों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था।
 
6 नवंबर 2020 को दिल्ली में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। यह निर्णय दिवाली से ठीक पहले लिया गया था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने व्यापारियों और डीलरों को पटाखों की बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस पहले ही जारी कर दिए थे। इससे व्यापारियों और डीलरों को नुकसान हुआ।

दिल्ली में पटाखों की आसानी से उपलब्धता के कारण लोगों द्वारा पटाखे फोड़ने की कई घटनाएं सामने आईं। दिल्ली सरकार इस बार नहीं चाहती है कि व्यापारियों और डीलरों को किसी तरह का आर्थिक नुकसान हो। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए समय रहते हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले वर्ष की तरह इस साल भी सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री, उपयोग और भंडारण पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया है। कोरोना के दौरान प्रदूषण का बढ़ना लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए पिछले साल भी सभी तरह के पटाखों को जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। यह प्रतिबंध 30 नवंबर तक था। इस दौरान किसी भी तरह के पटाखे जलाने पर कार्रवाई की गई थी। 30 नवंबर से बाद भी शर्तों के साथ सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति दी गई थी।

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