आईआईटी कानपुर के छात्रों ने उत्तराखंड के टिहरी जिले के एक दुर्गम इलाके तक मानव रहित विमान (ड्रोन) के जरिए खून के नमूने को सफलतापूर्वक पहुंचाकर एक नया कारनामा कर दिखाया। इस अनूठे प्रयोग में ड्रोन ने 32 किलोमीटर की दूरी महज 18 मिनट में जिला अस्पताल पहुंचकर पूरी कर ली। इस सफलता से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्रांति आ सकती है
खबरों के मुताबिक, खून के ये नमूने एक दुर्गम इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) से टिहरी के बुराड़ी जिला अस्पताल तक पहुंचाने थे। सीडी स्पेस कंपनी ने पायलेट प्रोजेक्ट के तहत गुरुवार को ड्रोन से ब्लड सैंपल भेजने का डेमो दिखाया गया।
सीडी स्पेस रोबॉटिक्स लिमिटेड नाम की फर्म ने इस ड्रोन को बनाया है। निखिल उपाध्याय इस फर्म के मालिक हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है। इस टीम में सीडी स्पेस रोबोटिक्स कंपनी के लीडर निखिल उपाध्याय, कृष्णराज सिंह गौड़, पीयूष नेगी और सर्वेश सोनकर शामिल थे।
जिला अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एसएस पांगती के मुताबिक, यह प्रयोग टिहरी गढ़वाल में चल रहे टेली-मेडिसिन प्रोजेक्ट का एक हिस्सा था। ब्लड सैंपल को खराब होने से बचाने के लिए ड्रोन में एक कूलिंग किट भी रखी गई।
ये ड्रोन 500 ग्राम तक वजन ले जा सकते हैं और एक बार में चार्ज करने पर 50 किलोमीटर तक का सफर तय सकते हैं। इसे कहीं भी आसानी से टेक ऑफ और लैंड कराया जा सकता है। इसको संचालित करने के लिए 2 लोगों की जरूरत पड़ती है। एक ड्रोन को बनाने में 10 से 12 लाख रुपए लागत आती है।