देहरादून। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में शुक्रवार को शाम करीब 4 बजकर 38 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4 आंकी गई।इसका केंद्र पिथौरागढ़ जिले में जमीन के अंदर करीब 8 किलोमीटर नीचे रहा। भूकंप के झटके से लोग दहशत में आ गए और तुरंत ही अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर सड़क पर आ गए।
पिछले महीने में भी उत्तराखंड में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पिछले महीने बागेश्वर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। आठ जनवरी को सुबह 10 बजकर पांच मिनट पर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र बागेश्वर में जमीन के भीतर करीब दस किलोमीटर था। रिक्टर स्कैल पर इसकी तीव्रता 3.3 आंकी गई है।
बताया जा रहा है कि करीब 15 सेकंड तक लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे, जिससे वह दहशत में आ गए थे।ये झटके वैज्ञानिकों की भाषा में माइक्रो शाक्स कहलाते हैं जो कि किसी बड़े भूकंप के आने की भी पूर्व चेतावनी माने जाते हैं।
भूवैज्ञानिक और अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट के अनुसार, माइक्रो शाक्स का लाभ यह है कि इससे पृथ्वी के भीतर बन रहा प्रश्र रिलीज हो जाता है। साथ ही ये चेतावनी तो है ही कि भविष्य में लोग बड़े झटके के लिए तैयार रहें।
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बहुत ही ज्यादा संवेदनशील है। उत्तराखंड के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं, जबकि, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में आते हैं।