मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जेल में बंद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता तथा राज्य के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को गुरुवार को राष्ट्र विरोधी कहा और विपक्ष के विरुद्ध पूर्व में की गई टिप्पणी वापस लेने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी राष्ट्र विरोधी व्यक्ति को राष्ट्र विरोधी कहना अपराध है तो वह 50 बार ऐसा करेंगे।
मलिक दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धनशोधन मामले में पिछले साल गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद हैं। शिंदे ने राज्य की विधानसभा परिषद में यह आरोप लगाया। इससे एक दिन पहले नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने विपक्षी पार्षदों को कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी कहने के लिए शिंदे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया था।
रविवार को, राज्य विधानसभा के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर, विपक्ष ने मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित परंपरागत चाय पार्टी का बहिष्कार किया था। बाद में, विपक्ष के बहिष्कार का जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा कि इसकी वजह से वह राष्ट्र विरोधियों के साथ चाय पीने से बच गए।
उन्होंने कहा था कि यह अच्छा है कि विपक्ष चाय पार्टी में नहीं आया क्योंकि उनमें से कुछ के आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध हैं। शिंदे की इस टिप्पणी से नाराज विपक्ष ने उनके खिलाफ परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे के कार्यालय में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
शिंदे ने इस मुद्दे पर उच्च सदन में कहा, प्राप्त जानकारी से संकेत मिलता है कि राकांपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने अवैध रूप से जमीन खरीदी थी, जो कथित तौर पर 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम से जुड़ी थी।
उन्होंने कहा, दाऊद ने न केवल यहां लोगों की जान ली बल्कि हमारे देश के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन भी किया। कोई कैसे उन लोगों का समर्थन कर सकता है जो उससे जुड़े हुए हैं? मलिक वास्तव में राष्ट्र विरोधी हैं और मैं अपनी टिप्पणी वापस नहीं लूंगा।
शिंदे ने कहा, अगर मैंने किसी राष्ट्र विरोधी व्यक्ति को राष्ट्र विरोधी कहकर का अपराध किया है तो मैं 50 बार ऐसा करूंगा। मैंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार या विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे को कभी भी राष्ट्र विरोधी नहीं कहा, जबकि उन्होंने हमारी सरकार को महाराष्ट्र विरोधी बताया। हम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं?
Edited By : Chetan Gour (भाषा)