अगरतला/शिलॉंग/कोहिमा। सत्ता विरोधी लहर और टिपरा मोठा (Tipra Motha Party) के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) ने अपने मिशन पूर्वोत्तर में त्रिपुरा (Tripura Election Results) में सत्ता बरकरार रखते हुए मनोबल बढ़ाने वाली जीत दर्ज की जबकि नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ( NDPP) के साथ मिलकर नगालैंड (Nagaland Election Results) में भी कामयाबी हासिल की।
मेघालय (Meghalaya election Results) में भाजपा फिर से एक कनिष्ठ सहयोगी के रूप में सत्तारूढ़ सरकार का हिस्सा बनने के लिए तैयार है क्योंकि मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Conrad Sangma) की नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) 60 सदस्यीय विधानसभा में 26 सीट जीतकर भी बहुमत से दूर रह गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिणामों की घोषणा के बाद पूर्वोत्तर सहित विभिन्न चुनावों में भाजपा की लगातार जीत का श्रेय पार्टी की सरकारों के कार्यों, उनकी कार्य संस्कृति तथा पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण की त्रिवेणी को दिया।
भाजपा के लिए हालांकि, नगालैंड और मेघालय में कनिष्ठ सहयोगी के रूप में जीत भी एक तरह की कामयाबी है। पूर्व में दोनों राज्यों में सत्ता में रह चुकी कांग्रेस के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे। मेघालय में कांग्रेस ने पांच सीट पर जीत दर्ज की जबकि नगालैंड में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली।
त्रिपुरा में सत्ता वापसी : त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है। 2018 के चुनाव की तुलना में दोनों दलों को 10 सीट कम मिली हैं लेकिन स्पष्ट जनादेश के कारण नयी पार्टी टिपरा मोठा की मदद के बिना गठबंधन पांच साल तक शासन कर सकता है। टिपरा मोठा ने 13 सीट पर जीत दर्ज की।
पूर्ववर्ती राजघराने के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने दो साल पहले टिपरा मोठा का गठन किया था। वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 14 सीट हासिल कीं। देबबर्मा की पार्टी ने जनजातीय क्षेत्र में वाम दल के वोट में सेंध लगाई।
राज्य में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। टीएमसी ने 28 सीट पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली। टीएमसी का वोट प्रतिशत (0.88 प्रतिशत) नोटा से भी कम रहा।
भाजपा ने 55 सीट पर चुनाव लड़ा और 32 पर जीत हासिल की। वर्ष 2018 की तुलना में भाजपा को तीन सीट कम मिलीं। इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) केवल एक सीट जीत सकी जबकि पिछले चुनाव में पार्टी को आठ सीट मिली थीं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 25 साल तक त्रिपुरा पर शासन करने के बाद 2018 में सत्ता खो दी थी। पिछली बार पार्टी ने केवल 16 सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने 47 सीट पर चुनाव लड़ा और 24.62 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी के साथ 11 सीट पर जीत हासिल की।
कांग्रेस ने 13 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे लेकिन पार्टी तीन सीट ही जीत पाई। कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी 8.56 प्रतिशत रही।
निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि भाजपा की जीत की उम्मीद थी...हम इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। निर्णायक जनादेश से हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई है।
हालांकि, भाजपा के लिए चिंताजनक कारक विपक्षी एकता का विचार है, जो त्रिपुरा में मजबूत हुआ लगता है, जहां कांग्रेस और माकपा ने एक साथ चुनाव लड़ा और सम्मानजनक विपक्ष का स्थान पाने में कामयाब रहे। इसी मॉडल को पश्चिम बंगाल के सागरदीघी में दोहराया गया जहां वामदल के समर्थन के कारण कांग्रेस ने गुरुवार को सत्तारूढ़ टीएमसी के खिलाफ जीत दर्ज की।
मेघालय में बीजेपी-NPP का गठबंधन : मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े को नहीं छू सकी। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और नई सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा है।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और शाह सहित स्टार प्रचारकों को लाने वाली भाजपा मेघालय में केवल दो सीट जीतने में सफल रही।
संगमा सरकार में एनपीपी की सहयोगी रही यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) 11 सीट पर जीत हासिल कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने पांच-पांच सीट पर विजय प्राप्त की है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा एनपीपी और यूडीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। भाजपा की मेघालय इकाई के प्रमुख अर्नेस्ट मावरी ने भी कहा है कि पार्टी भाजपा की बैठक के बाद आज रात एनपीपी को समर्थन पत्र सौंपेगी।
नगालैंड में फिर बीजेपी सरकार : नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी)-भाजपा गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो का पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनना लगभग तय हो गया है।
सत्तारूढ़ एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने बृहस्पतिवार को 33 सीट जीतकर 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया।
इस जीत के साथ रियो ने वरिष्ठ नेता एस सी जमीर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिन्होंने तीन बार पूर्वोत्तर राज्य का नेतृत्व किया था। एनडीपीपी ने 21 सीट जीती हैं जबकि उसके घटक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 12 सीट जीती हैं।
पिछली बार गठबंधन ने 30 सीट पर जीत दर्ज की थी। इनमें 18 क्षेत्रीय दल ने और 12 सीट पर भाजपा ने कामयाबी हासिल की थी। नगालैंड विधानसभा के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला बनकर हेखानी जखालू ने को इतिहास रच दिया। इस बार दो महिलाएं विधायक बनी हैं। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma