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Maharashtra: जल संकट का प्रभाव एलोरा की गुफाओं व अन्य स्मारकों पर, टैंकरों से कर रहे आपूर्ति

हर दिन बुलवा रहे हैं पानी के 2 टैंकर

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हमें फॉलो करें Ellora caves and other monuments are in the grip of water crisis

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 30 मई 2024 (10:23 IST)
छत्रपति संभाजीनगर। पिछले मानसून में कम बारिश होने के कारण महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित विश्वप्रसिद्ध एलोरा गुफाएं और अन्य स्मारक पानी की आपूर्ति के लिए 'टैंकर' पर निर्भर हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में पिछले मानसून में 527.10 मिमी बारिश हुई थी जबकि इस अवधि के दौरान औसत वर्षा 637.50 मिमी होती है।

 
स्मारकों के परिसर में बने जलस्रोत सूख गए : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि बारिश उम्मीद से कम हुई,  परिणामस्वरूप एलोरा गुफाएं, बीबी का मकबरा और औरंगाबाद गुफाओं जैसे कुछ स्मारकों के परिसर में बने जलस्रोत सूख गए हैं। उन्होंने कहा कि ये स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और अब पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं।
 
अधिकारी ने कहा कि एलोरा गुफा परिसर में पीने, बागवानी और साफ-सफाई के लिए हर दिन पानी के 2 टैंकरों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि हम बीबी का मकबरा के लिए 5,000 लीटर के कम से कम 2 टैंकर तथा औरंगाबाद गुफाओं के लिए हर दूसरे दिन 1 टैंकर पानी ले रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि कभी-कभी बीबी का मकबरा में पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर पानी के तीसरे टैंकर की भी जरूरत पड़ती है।(भाषा)(सांकेतिक चित्र)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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