पोते की कस्टडी को लेकर अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी 20 जनवरी को सुनवाई
अतुल सुभाष की मां ने अपने पोते की अभिरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की है
Atul Subhash's suicide case : पत्नी के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash) की मां की याचिका पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) सोमवार को सुनवाई करेगा। अतुल सुभाष की मां ने अपने पोते की अभिरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ अंजू देवी की याचिका पर सुनवाई कर सकती है जिन्होंने अपने चार वर्षीय पोते की अभिरक्षा की मांग करते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
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9 दिसंबर को अतुल सुभाष ने फांसी लगा ली थी : पिछले साल 9 दिसंबर को बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में सुभाष (34) अपने घर में फांसी पर लटके मिले थे। सुभाष ने कथित तौर पर लंबे 'सुसाइड नोट' में उन्होंने पत्नी और ससुराल वालों को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया था। पिछली सुनवाई के दौरान, सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया था कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है।
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अधिवक्ता कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की अभिरक्षा की मांग की थी : देवी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की अभिरक्षा की मांग की थी और आरोप लगाया था कि उनकी अलग रह रही बहू ने बच्चे का पता उनसे छिपा रखा है। उन्होंने तर्क दिया था कि 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए तथा उन्होंने उन तस्वीरों का हवाला दिया था जिनमें दिखाया गया था कि जब बच्चा केवल कुछ साल का था, तब याचिकाकर्ता उससे बातचीत कर रही थी।
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इसके बाद न्यायालय ने 20 जनवरी को अगली सुनवाई पर बच्चे को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था और कहा था कि मामले का फैसला 'मीडिया ट्रॉयल' (मीडिया में हो रही बहस) के आधार पर नहीं किया जा सकता। बेंगलुरु की एक अदालत ने 4 जनवरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सुभाष की अलग रह रही पत्नी, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी।(भाषा)
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Edited by: Ravindra Gupta