लखनऊ। राष्ट्रीय किसान मंच ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अगर वह किसानों की कर्जमाफी तथा अन्य मसलों का तेजी से समाधान नहीं करती है तो इस सूबे में भी जल्द ही मंदसौर जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं और दुर्दशा को समाप्त करने के प्रति वाकई गम्भीर है, तो उसे इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने होंगे, वरना उत्तर प्रदेश में भी मध्य प्रदेश के मंदसौर जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर में गत मंगलवार को अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और सुरक्षाबलों में हुए संघर्ष में गोली लगने से पांच लोगों की मौत हो गई थी।
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अपनी पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का एक लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की योजना की आलोचना करते हुए दीक्षित ने कहा कि कर्जमाफी से किसानों की किसी समस्या का हल नहीं होगा।'
उन्होंने कहा कि किसानों के सामने मुख्य मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य का है। बड़ी संख्या में किसानों को यह समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता है। इससे वे गरीबी के कुचक्र से घिर जाते हैं और उन्हें इससे बाहर निकलने में कई साल गुजर जाते हैं।
दीक्षित ने यह भी कहा कि देश के किसानों का भला तब तक नहीं हो सकता, जब तक उनके कल्याण की योजनाएं वातानुकूलित कमरों तक ही सीमित रहेंगी। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा महज नारा बनकर रह गया है। आने वाली मुसीबत को खत्म करने के लिये जरूरी है कि किसानों की समस्याओं का हल मुस्तैदी से हो। (भाषा)