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कृषि बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान, बोले- नदी-नहरें सूखी, सरकार कर रही प्रताड़ित

हमें फॉलो करें कृषि बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान, बोले- नदी-नहरें सूखी, सरकार कर रही प्रताड़ित

हिमा अग्रवाल

, गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020 (16:13 IST)
फिरोजाबाद के किसानों ने आज सड़कों पर उतरकर चक्काजाम कर दिया। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के किसानों का कहना है कि सरकार उनका उत्पीड़न कर रही है। एक तरफ जहां कृषि बिल किसान विरोधी है, तो दूसरी तरफ किसानों को नदियों और नहरों से पानी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है, यदि अन्नदाता के हितों की अनदेखी की गई तो आंदोलन उग्र होगा, जिसकी गूंज लखनऊ तक सुनाई देगी।

फिरोजाबाद में सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान हाथों में लाठी-डंडे और गन्ना लेकर उतर गए। प्रदर्शनकारी किसानों ने टूण्डला एटा रोड पर चक्काजाम करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने दो टूक शब्दों में कहा कि वह लाठी का जबाव लाठी से देना जानते हैं।

थाना क्षेत्र नारखी के नगला क्षेत्र की सड़कों पर पानी और कृषि बिल के विरोध में किसान उतर आए। चारों तरफ किसान ही किसान नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भानु) भी पहुंच गया।

धरना देने वाले किसानों का कहना है कि उन्हें सिरसा नदी की सफ़ाई होने के बावजूद पानी नहीं मिल रहा है। नहरे और बंबे सभी सूखे पड़े हुए हैं, पानी न मिलने से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए, सूखे की मार के कारण खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं। अब सरकार किसान बिल लाकर किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है।

इसी के साथ किसानों ने कहा, वह भीख नही मांग रहे हैं, सरकार से अपना हक मांग रहे हैं, हक मांगने पर किसानों के आंदोलनों को कुचल दिया जाता है। लेकिन अब ये अन्नदाता डरने वाला नहीं है, वह लाठी का जवाब लाठी से देने को तैयार है।
बड़ी तादाद में किसानों का धरने पर उतरना, चक्काजाम करना, स्थानीय प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं, सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी को भी तैनात किया गया है।

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