Uttar Pradesh weather update News : यमुना नदी के उफान ने भोगनीपुर तहसील के जीवन को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। सबसे बुरी मार कानपुर देहात का क्योंटरा गांव झेल रहा है, यहां पर जिधर भी नजर दौड़ाओ, वहां पूरा क्षेत्र जलमग्न दिखाई देगा। इस क्षेत्र का आलम यह है कि लोग अब घरों में नहीं बल्कि छतों पर रह रहे हैं। इन लोगों के सिर पर अब केवल आसमान और चारों ओर अथाह पानी ही है। इंसानी जिंदगियां अब नावों की मोहताज बन गई हैं, मगर गांव में महज दो-तीन नावें ही हैं।
छतों पर टिकी उम्मीदें, रूखा-सूखा अनाज मिटा रहा है भूख
यमुना के उफान पर आने के कारण क्योंटरा गांव में कई परिवार तो लगभग एक सप्ताह से छतों पर डेरा डाले हुए हैं। भोजन के नाम पर उन्हें मदद के तौर पर कभी 5-6 पूड़ियां, थोड़ी सी सूखी सब्जी और एक लड्डू नसीब हो रहा है, तो कभी यह मदद उन तक नहीं पहुंच पाती है तो भूखे ही सोना पड़ जाता है। यहां के कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें दो दिन से कोई भी लंच पैकेट नहीं मिला, जिसके चलते छतों पर रखे पुराने सूखे अनाज को उबालकर ही पेट भरना पड़ रहा है।
बीमारों के लिए मौत न बन जाए यह स्थिति
गांव के सम्पर्क मार्ग टूटने के कारण मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसके चलते मिनटों के सफर में घंटों लग रहे हैं और वो भी तब जब नाव मिले। बुजुर्गों, बीमारों और बच्चों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक और जानलेवा हो सकती है। ऐसे में न तो किसी भी आपात स्थिति में न तो इलाज संभव है, न ही समय पर मदद मिल पाती है। कई लोग तो मजबूरी में बीमार परिजनों को घर में ही छोड़ आए हैं।
पानी-पानी हुआ गांव, लेकिन प्रशासन ने साधी चुप्पी
चारों ओर पानी ही पानी है, जिसे देखकर लगता है कि यह समुंदर है। इस स्थिति से बाहर निकलने का कोई सुरक्षित रास्ता नहीं बचा है। जो लोग सुबह अपने घर से काम के लिए निकलते हैं, वह शाम तक भी वापस नहीं लौट पाते। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से राहत कार्य बहुत धीमी गति से और अव्यवस्थित काम कर रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद नाकाफी है और लापरवाही से लोगों का गुस्सा फूटने लगा है।
हम मरें या जिएं, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता
गांव के लोग इस असहनीय पीड़ा की मार सह रहे हैं।जब उनके दर्द का कोई पूछता है तो वह भावुक होकर कहते हैं कि हम मरें या जिएं, किसी को फर्क नहीं पड़ता। प्रशासन के लोग आए तो हालचाल जानने के लिए, लेकिन उनकी तरफ से केवल कोरा आश्वासन मिला है, राहत नहीं।
ग्रामीणों की गुहार : अब और इंतज़ार नहीं, मदद चाहिए
बाढ़ से हालात और बिगड़ सकते हैं, गांव के लोगों की निगाहें स्थानीय प्रशासन और सरकार पर टिकी हैं। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार और प्रशासन तत्काल नावों की संख्या में बढ़ोतरी करे, मेडिकल सुविधाओं का प्रबंध हो और हर परिवार तक पर्याप्त भोजन सामग्री पहुंचाई जाए, ताकि किसी को भूखा न सोना पड़े।
यह हाल क्योंटरा गांव ही नहीं, बल्कि पूरे भोगनीपुर तहसील क्षेत्र में दिखाई दे रहा है, यदि जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जायएंगे। इसलिए प्रशासन/ सरकार को त्वरित कदम उठाने होंगे अन्यथा यह स्थिति एक मानवीय आपदा में बदल सकती है।
Edited By : Chetan Gour