मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु में एक निजी हॉस्टल में रह रहे नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के 137 छात्र रात में फूड पाइजनिंग की वजह से बीमार पड़ गए।
छात्रों ने पेट में दर्द, उलटी और दस्त की शिकायत की थी और उन्हें सोमवार रात को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। भोजन विषाक्तता के लिए दूषित जल को कारण बताया जा रहा है।
नगर पुलिस आयुक्त एन. शशि कुमार ने कहा कि छात्रों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
फूड पाइजनिंग का शिकार होने पर क्या करें
1. नींबू का सेवन करें- नींबू में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं। इसलिए इसे पीने से फूड पॉइजनिंग वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं। आप खाली पेट नींबू-पानी बनाकर पी सकते हैं या चाहें तो गर्म पानी में नींबू निचोड़ें और पी जाएं।
2. सेब के सिरके का सेवन करें- सेब के सिरके में मेटाबालिज्म रेट को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। खाली पेट इसका सेवन करने पर यह भी खराब बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं।
3. तुलसी का सेवन करें- तुलसी में मौजूद रोगाणुरोधी गुण सूक्ष्म जीवों से लड़ते हैं। तुलसी का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं। एक कटोरी दही में तुलसी की पत्तियां, कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर खा सकते हैं। पानी व चाय में भी तुलसी की पत्तियां डालकर पी सकते हैं।
4. दही खाएं- दही एक प्रकार का एंटीबायोटिक है, इसमें थोड़ा सा काला नमक डालकर इसे खा सकते हैं।
5. लहसन खाएं- लहसन में एंटी फंगल गुण होते हैं। आप सुबह खाली पेट लहसन की कच्ची कलियां पानी के
साथ खा सकते हैं। इससे भी राहत मिलेगी।