बसपा के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी और उसके बेटे को गैंगस्टर कोर्ट ने 60 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मेरठ पुलिस ने 25-25 हजार के इनामी याकूब और उसके बेटे इमरान को दिल्ली से गिरफ्तार कर मेरठ गैंगस्टर एक्ट कोर्ट में पेश किया। जहां से पिता-पुत्र को 60 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
मेरठ पुलिस ने याकूब कुरैशी पर थाना खरखौदा में मु.अ.सं. 131/22 धारा 420/269/270/272/273/120B भादंवि बनाम 14 नामजद के विरुद्ध पंजीकृत हुआ था। जिसमें अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड में मीट पैकेजिंग एवं प्रोसेसिंग का अवैध कारोबार किया जा रहा था, जिसका कोई लाइसेंस अभियुक्त के पास नहीं था। मुकदमे में वांछित याकूब कुरैशी और इमरान पुत्र याकूब कुरैशी फरार चल रहे थे।
पुलिस ने उन पर 82-83 की कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत मुकदमा अपराध संख्या 262/22 थाना खरखौदा में 11/11/2022 को पंजीकृत किया था। शनिवार की सुबह (7/1/23 ) को याकूब कुरैशी पुत्र फईमुद्दीन और इमरान कुरैशी पुत्र याकूब कुरैशी को दिल्ली के थाना चांदनी महल से गिरफ्तार कर लिया है।
याकूब और उसका परिवार विगत 9 माह से फरार चल रहा था। याकूब और इमरान पर 25-25 हजार का इनाम भी था। लेकिन अब याकूब और उसका बेटा इमरान दिल्ली के चांदनी महल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार करके जेल भेज दिए गए हैं।
जेल के गेट पर हाथ जोड़कर पुलिस का अभिवादन करने वाले शख्स का नाम याकूब कुरैशी है और साथ में उसका बेटा इमरान भी है। 31 मार्च 2022 को पुलिस ने याकूब कुरैशी की फैक्टरी अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड पर छापा मारकर एक बड़े रैकेट का खुलासा किया था। छापेमारी टीम के मुताबिक फैक्टरी में अवैध तरीके से मीट प्लांट संचालित किया जा रहा था, यहां से खराब मीट पैक करके विदेश भेजा जा रहा था।
पुलिस ने करोड़ों रुपए का मीट फैक्टरी से बरामद किया था। जिसके बाद से याकूब कुरैशी, उसकी पत्नी, बेटे और फैक्टरी मैनेजर समेत 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में 10 लोग उसी समय गिरफ्तार कर लिए गए थे, जबकि याकूब अपने बेटों के साथ फरार हो गया।
पुलिस ने इस परिवार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और करोड़ों की संपत्ति पर 82, 83 की कार्रवाई करते हुए नोटिस चस्पा किए गए, वहीं फरार याकूब कुरैशी पर 25000 का इनाम घोषित किया गया। लगभग डेढ़ माह पहले याकूब, उसके बेटों समेत परिवार के 7 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट लगी।
जिसके बाद पुलिस ने याकूब के छोटे बेटे फिरोज उर्फ भूरा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, वहीं याकूब की पत्नी शमजिदा अग्रिम जमानत पर बाहर है। मेरठ पुलिस ने दिल्ली थाना चांदनी महल से याकूब को गिरफ्तार कर राहत की सांस ली है। फिलहाल पुलिस उसे चौधरी चरण सिंह जिला कारागार ले गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक याकूब परिवार अल फहीम मीटेक्स की आड़ में अन्य चार कंपनी चला रहा था। दो कंपनी में याकूब का परिवार शेयर धारक है, अल फोजान कंपनी इमरान के बेटे फोजान के नाम पर है, पुलिस अब यह जांच कर रही है कि अल फोजान टैक्स बचाने के लिए तो नहीं खोली गई है।
अल कय्यूम मीटेक्स फैक्टरी याकूब के भाई कय्यूम और शामली के कैराना स्थित मीम एग्रो फूडस प्राइवेट लिमिटेड में भी याकूब के परिवार और रिश्तेदारों के शेयर हैं, जिसकी जांच चल रही है। अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी का नाम याकूब के पिता फहीम के नाम पर रखा गया था।
याकूब परिवार की परफेक्ट प्रीमियम डेयरी प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और ग्रैंड इंडियन ओवरसीज पोल्ट्री प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का अस्तित्व पुलिस के सामने आया है, इन दोनों कंपनियों में याकूब की पत्नी शमजिदा और दोनों बेटों की पत्नी निदेशक बताई जा रही है। फिलहाल पुलिस इनकी जांच-पड़ताल कर रही है।
कोर्ट में याकूब के वकील ने दलील पेश करते हुए कहा कि फैक्टरी में मिले मीट के सैंपल जांच में सही पाए गए है, तो कार्रवाई गलत है। गैंगस्टर एक्ट को अनुचित तरीके से याकूब और उनके परिवार पर लगाया गया है, लंबी बहस के बाद कोर्ट ने याकूब कुरैशी और बेटे इमरान को चौधरी चरण सिंह कारागार भेज दिया है। मेरठ जेल में आज पहले से बंद फिरोज की अपने पिता याकूब और भाई से मुलाकात होगी।
याकूब का राजनीतिक सफर : अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले वेस्ट यूपी में मुस्लिम राजनीति में हाजी याकूब कुरैशी को अब जेल की हवा खानी पड़ रही है। याकूब देश-विदेश में उस समय सुर्खियों में आया, जब उसने 2006 में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का कार्टून बनाने वाले डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ के इनाम की घोषणा की थी।
वह 2002 में बीएसपी और 2007 में मेरठ शहर से अपनी पार्टी यूपी पीडीएफ बनाकर जीता, हालंकि बाद में बीएसपी में शामिल हो गया और बसपा सरकार में मंत्री बनाया गया। 2012 में चौधरी अजित सिंह के कहने पर वह राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हुआ और सरधना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ने उसे हरा दिया।
अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले याकूब ने 2019 लोकसभा का चुनाव मेरठ-हापुड़ सीट से लड़ा और बहुत कम अंतर से चुनाव हार गया। याकूब को हराकर बीजेपी के राजेंद्र अग्रवाल ने अपनी हैट्रिक बनाई है। हालांकि जिस अंदाज में वह कोर्ट में पेश हुआ, उसे देखकर लगता है कि उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा अभी खत्म नहीं हुई है। वह 2024 के चुनावी समर में अपना या परिवार का भाग्य आजमाता है या नहीं, यह भविष्य के गर्त में छिपा है।
Edited By : Chetan Gour