रायपुर। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों में शामिल छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के गणेशराम कुंजाम के परिजनों ने कहा है कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
कांकेर जिले का छोटा-सा गांव गिधाली आज गमगीन है। गांव के बेटे गणेश (27) ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। गणेश के पिता इतवारू राम कुंजाम सदमे में हैं। वे बात करने की स्थिति में नहीं थे। इतवारू छोटे किसान हैं। उनका परिवार आजीविका के लिए खेती किसानी पर निर्भर है।
गणेश के चाचा तिहारू राम अपने भतीजे को याद करते हुए बताते हैं कि मंगलवार को उनके पास कश्मीर से एक फोन आया जिससे गणेश के शहीद होने की जानकारी मिली। फोन करने वाले गणेश के एक वरिष्ठ अधिकारी थे।
तिहारू ने बताया कि अधिकारी ने उन्हें टेलीविजन देखने के लिए भी कहा। जब उन्होंने समाचार चैनल देखा तब वहां केवल तीन शहीद सैनिकों का नाम दिखाया जा रहा था। उनमें गणेश का नाम नहीं था।
तिहारू ने कहा कि गणेश इस वर्ष जब फरवरी में छुट्टी पर घर आया था तो उसका रिश्ता तय कर दिया गया था। शादी अगले वर्ष होने वाली थी।
तिहारू बताते हैं कि पिछले महीने ही गणेश ने फोन कर बताया था कि उसकी पोस्टिंग दूसरी जगह हो गई है। इसके बाद से उसे कई बार फोन करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं हो सकी।
शहीद के चाचा कहते हैं कि मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी। हम सभी सदमे में हैं। तिहारू ने कहा कि उन्हें अपने भतीजे की शहादत पर गर्व है, लेकिन सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणेश की शहादत को नमन किया तथा ट्वीट कर उन्हें अपनी श्रध्दांजलि दी है। बघेल ने कहा कि मैं इस शहादत को नमन करता हूं। ईश्वर परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करे। (भाषा)