लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 27 से 31 जनवरी 2020 के दौरान प्रस्तावित 'गंगा यात्रा' को लेकर देर रात मुख्यमंत्री आवास पर बैठक की। उन्होंने गंगा यात्रा को लेकर अधिकारियों को कड़े दिशा-निर्देश दिए।
योगी ने अधिकारियों से कहा कि गंगा की अविरलता, निर्मलता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता के साथ-साथ विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जोड़ते हुए अर्थ-गंगा अभियान के रूप में सफल बनाए जाने के उद्देश्य से काम कीजिए।
योगी ने कहा कि उत्तरप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां इस प्रकार की यात्रा आयोजित की जा रही है। अतः यात्रा की तैयारियां ऐसी की जाएं, जो गंगा के गुजरने वाले अन्य प्रदेशों के लिए प्रेरणादायी बनें।
सीएम ने कहा कि गंगा बेसिन एक उर्वर क्षेत्र है और अर्थव्यवस्था का संबल भी है। हल्दिया से वाराणसी तक मल्टीमोडल टर्मिनल को भी प्रदेश में अर्थ गंगा से जोड़ने की कार्ययोजना बनाई जाए।
यात्रा के दौरान 20 जनपदों में सभी विभाग जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में लोगों को अवगत कराएं। उन्होंने इस यात्रा को सड़क मार्ग के अलावा प्रतिदिन जल मार्ग से भी गुजरने की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि हर जनपद में गंगा आरती की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए पर्यटन गतिविधियों से गंगा यात्रा को जोड़ा जाए। थीम सांग की तैयारी करते हुए गंगा अवतरण के संबंध में कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण भी किया जाए।
गौरतलब है कि गंगा यात्रा बिजनौर से कानपुर तथा द्वितीय यात्रा बलिया से कानपुर तक की जाएगी। 1025 किमी की यह गंगा यात्रा 26 जनपदों, 1020 ग्राम पंचायतों और 1638 राजस्व ग्रामों से गुजरेगी। यात्रा का शुभारंभ राज्यपाल व मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।