लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बाबा राघवदास अस्पताल में शुक्रवार को ऑक्सीजन के सप्लाई बंद होने से 48 घंटे के भीतर 30 बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद शर्मनाक बात यह सामने आई है कि उप्र सरकार के केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि कुछेक लोग हैं जो सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल की। उल्लेखनीय है कि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहनगर है और पिछले 9 अगस्त को इस अस्पताल में योगी दौरे पर गए थे। बताया जाता है कि 66 लाख रुपए का भुगतान रोके जाने के कारण संबंधित कंपनी ने अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी थी।
सूत्रों के अनुसार मेडिकल कालेज के नेहरू अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म का 66 लाख रुपए का भुगतान बकाया था, जिसके चलते गुरुवार शाम को फर्म ने अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी। गुरुवार से ही मेडिकल कालेज में जम्बो सिलेंडरों से गैस की आपूर्ति की जा रही है।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक गोरखपुर के जिला कलेक्टर राजीव रौतेला के मुताबिक पिछले 48 घंटों में इनसेफलाइटिस ( जापानी मस्तिष्क ज्वर) से बच्चों की मौत हुई है।
डॉक्टरों ने 30 बच्चों की मौत स्वीकारी : बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने स्वीकार किया है कि पिछले 36 से 48 घंटों के भीतर 30 बच्चों की मौत हुई है। डॉक्टरों का कहना था कि गुरुवार रात से ही बच्चों के मरने का सिलसिला शुरु हो गया था और शुक्रवार की दोपहर तक मरने वाले बच्चों की संख्या 30 पर पहुंच गई।
यह भी पता चला है कि मरने वाले बच्चे 2 दिन से लेकर 3 महीने तक के अलावा 5 से लेकर 15 साल की आयु वर्ग के हैं। यहां के डॉक्टरों का यह भी कहना है कि यहां पर दिमागी बुखार से रोजाना 10-12 बच्चों की मौत होना आम बात है.. हालांकि बाद में यहां के डॉक्टरों को मीडिया से बात करने की मनाही कर दी गई है।
ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था थी तो मौतें कैसे हुई : दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उसके पास ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था थी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि पर्याप्त ऑक्सीजन अस्पताल में थी तो इतनी अधिक संख्या में बच्चों की मौत कैसे हुई?
साफ है कि अस्पताल ने लापरवाही की है और इस मामले में दोषियों पर सीधे सीधे हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। 30 बच्चों की मौत हो जाना कोई मामूली बात नहीं है...इस मामले में कोई लीपापोती नहीं होनी चाहिए।
बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशिलिटी है : गोरखपुर, सुल्तानपुर और इसके आसपास के क्षेत्र में हर साल काफी बच्चे दिमागी बुखार से पीड़ित होते हैं और सैकड़ों बच्चे अससमय ही मौत की नींद सो जाते हैं। पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में हजारों बच्चे दिमागी बुखार के कारण मौत के मुंह में चले गए हैं। इसी कारण बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेशिलिटी वाला बनाया गया। इसके बाद भी यहां पर यह दु:खद त्रासदी हो गई।
बुधवार को ही मुख्यमंत्री अस्पताल में पहुंचे थे : उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ही इस अस्पताल का दौरा किया था और कहा था कि यहां पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि अस्पताल में किसी चीज की जरूरत होगी तो उसे वह स्थानीय प्रशासन को बताए।
योगी के दौरे के वक्त सभी इंतजाम ठीक थे लेकिन अगले ही दिन रात से बच्चों की मौत होनी शुरु हो गई। दो दिन के भीतर 30 बच्चे मौत के मुंह में समा गए हैं लेकिन मुख्यमंत्री अब तक मीडिया के सामने नहीं आए हैं।
अस्पताल के बाहर अफरातफरी का माहौल : समाचार लिखे जाने तक अस्पताल के बाहर अफरातफरी का माहौल है। जिन परिवारों ने अपने बच्चों को खोया है, उनका रो-रोकर बुरा हाल हुआ जा रहा है। परिजनों का यही सवाल है कि वे अपने बच्चे का इलाज करवाने के लिए अस्पताल में आए थे और अब उनकी लाश लेकर जाना होगा...