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गुजरात के किसान का कमाल, गधी का दूध 5000 रुपए लीटर बेचकर बना करोड़पति

हर महीने मिल रहे हैं 2 से 3 लाख के ऑर्डर

हमें फॉलो करें गुजरात के किसान का कमाल, गधी का दूध 5000 रुपए लीटर बेचकर बना करोड़पति

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 22 अप्रैल 2024 (16:33 IST)
Gujarat Man Sells Milk Online At 5,000 A Litre :  गुजरात के गांव का धीरेन सोलंकी नाम का किसान गधी का दूध (donkey milk) 5000 रुपए लीटर बेचकर करोड़पति बन गया है। हर महीने की करीब 3 से 4 लाख रुपए की कमाई कर रहा है। अब उसे ऑनलाइन ऑर्डर भी मिल रहे हैं।

 
सोलंकी साउथ तक दूध बेचते हैं: बताया जाता है कि साउथ तक सोलंकी यहां से दूध भेजते हैं और उनको हर महीने  3 से 4 लाख रुपए तक कमाई रहती है। उन्होंने बताया कि सरकारी नौकरी की तलाश में था और निजी दफ्तरों में काम नहीं करना चाहता था। जो छोटी-मोटी नौकरियां कीं, उससे जिंदगी नहीं चल पाई।

तरकीब लगाकर काम करने की कोशिश की तो पता लगा कि दक्षिण भारत में गधे पालने का काम होता है। कुछ लोगों से बात कर मैं गधे के फॉर्म देखने गया। 8 महीने से खुद का धंधा कर रहा हूं और दूरदराज से ऑर्डर भी आते हैं।
 
20 गधी और 22 लाख रुपए के साथ व्यापार शुरू : उन्होंने बताया कि शुरुआत में मैंने 20 गधी और 22 लाख रुपए के साथ व्यापार शुरू किया। लोगों ने कहा कि धंधे में नुकसान होगा, लेकिन गुजरात में डेयरी का व्यापार होता है इसलिए तरीका जानता था।

गुजरात में गधी के दूध की मांग नहीं थी, लेकिन प्रचार किया और इसके फायदे गिनाए तो आज देश के हर इलाके से मेरे 7 हजार रुपए लीटर तक पहुंच जाती है। कंपनियां इसे सूखा पाउडर बनाकर भी बेचती हैं। उसकी कीमत 1 लाख रुपए प्रति किलो तक रहती है।

 
कई बीमारियों में कारगर है गधी का दूध : मेडिकल साइंस में लिवर की बीमारी, नाक से खून बहना, छुआछूत रोग, तेज बुखार जैसी कई दिक्कतों में इसका दूध कारगर है। इसके कई फायदे होने के बावजूद कई बरसों में यह धंधा रसातल में चला गया। विदेश में लोग पास ऑर्डर है। धंधा शुरू करने के 5 महीने बाद तक कुछ नहीं कमाया, लेकिन बाद में बंपर आवक शुरू हो गई। दक्षिण की कुछ कंपनियों ने करार किया है, जो सीधे यहां से दूध ले जाती है। कर्नाटक और केरल में मांग ज्यादा है। दूध की कीमत 5 हजार से इसके लिए बड़े फॉर्म लगाकर काम कर रहे हैं। 

मिस्र की रानी गधी के दूध से नहाया भी करती थीं : सोलंकी बताते हैं कि अभी 42 जानवर हैं। लगभग 38 लाख रुपए का निवेश किया और इससे दुगना कमा चुका हूं। राज्य सरकार ने मदद नहीं की, लेकिन इलाके के लोगों ने साथ दिया। प्राचीनकाल में गधी के दूध का खूब इस्तेमाल किया जाता था। मिस्र की रानी तो इससे नहाया भी करती थीं। Edited by: Ravindra Gupta

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