हरिद्वार। उत्तराखंड में कोरोनावायरस महामारी के कारण दूसरे वर्ष कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिए जाने के बावजूद पुलिस की तैनाती और 'शिव भक्तों' के प्रवेश पर प्रतिबंध को धता बताते हुए सावन के पहले दिन 'गंगा जल' लेने के लिए कई कांवड़ियों ने रविवार को हरिद्वार में प्रवेश किया।
हिन्दुओं के लिए एक पवित्र महीना माने जाने वाले सावन के पहले ही दिन इससे उत्तराखंड पुलिस के सारी दावों की भी पोल खुलती नजर आई। उत्तराखंड पुलिस ने तीर्थयात्रियों को हरिद्वार में प्रवेश नहीं करने की चेतावनी दी थी। पुलिस ने कहा था कि कोई शिव भक्त राज्य में प्रवेश करते देखे गए उन्हें 14 दिनों के लिए छोड़ दिया जाएगा।
हालांकि पुलिस कह रही है कि पिछले साल की तरह पुलिस ने गंगाजल को टैंकरों से उन कांवड़ संघों को भेजने की व्यवस्था की है, जो यूपी, हरियाणा और अन्य स्थानों पर कांवड़ यात्रा का आयोजन करते हैं।
2019 में पश्चिमी यूपी, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से लगभग 3 करोड़ कांवड़ तीर्थयात्री हरिद्वार पहुंचे। पिछले साल यात्रा को बंद कर दिया गया था और इस साल विचार-विमर्श के बाद उत्तराखंड सरकार ने यात्रा रद्द कर दी। पिछले हफ्ते यूपी सरकार ने भी यात्रा रद्द कर दी थी।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबुदई ने कहा कि हरिद्वार सीमा पर पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें कांवड़ तीर्थयात्रियों को शहर में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा गया है।
अधिकारियों ने दोहराया कि जो लोग अभी भी यात्रा करने की हिम्मत करेंगे, उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा लेकिन पुलिस कि इस चेतावनी का सावन के पहले दिन असर होता काम ही दिखा।