चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की 'नाराजगी' से अवगत कराया और कहा कि उन्हें दूर करना सिंह का 'कर्तव्य' है।
पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी रावत ने सिंह से मोहाली में उनके आवास पर मुलाकात की और पार्टी आलाकमान द्वारा दिए गए 18 सूत्री कार्यक्रम सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। रावत ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात के एक दिन बाद यह बैठक की। समझा जाता है कि सिद्धू ने अधूरे वादों को लेकर अपनी नाराजगी जताई।
अमरिंदर और सिद्धू के खेमों के बीच जारी खींचतान की पृष्ठभूमि में रावत मंगलवार को चंडीगढ़ आए। पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए रावत ने विश्वास जताया कि पार्टी के सभी नेता एकजुट होकर काम करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री के साथ हुई चर्चा से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अवगत कराएंगे, उन्होंने कहा, मैं यहां उनका चेहरा हूं और उन्हें रिपोर्ट करूंगा। चार मंत्रियों सहित विभिन्न नेताओं की नाराजगी कैसे दूर होगी, इस सवाल के जवाब में रावत ने कहा,मैंने नाराजगी के पहलुओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया है और उन्हें दूर करना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है।
तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी तथा पार्टी के तीन विधायक 25 अगस्त को रावत से मिलने देहरादून गए थे। ये लोग अमरिंदर सिंह को पद से हटाया जाना चाहते हैं।
दिन में भी कई विधायकों ने रावत से मुलाकात की। विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहरा भी देहरादून में रावत से मिलने वाले नेताओं में से थे। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री से कहा कि मौजूदा स्थिति पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है और उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हस्तक्षेप की मांग की।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा को पंजाब कांग्रेस प्रमुख का प्रधान रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। उन्होंने भी रावत से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राज्य इकाई के अंदर विभिन्न मुद्दों के हल के लिए सुझाव दिए हैं।