गुरुग्राम। गुरुग्राम में शुक्रवार को एक बार फिर खुले में नमाज़ का विरोध किया गया। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कड़ा रुख दिखाया है। खट्टर ने साफ शब्दों में कहा है कि खुले में नमाज़ नहीं होनी चाहिए। कोई अगर अपनी जगह पर नमाज पढ़ता है, हमें कोई दिक़्क़त नहीं है, लेकिन खुले में ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।
खबरों के अनुसार, गुरुग्राम में अब सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ 3 महीने से विवाद चल रहा था। अब इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कड़ा रुख दिखाया है। मुख्यमंत्री खट्टर ने साफ शब्दों में कहा है कि खुले में नमाज़ नहीं होनी चाहिए। कोई अगर अपनी जगह पर नमाज़ पढ़ता है, पाठ पढ़ता है, उसमें हमें कोई दिक़्क़त नहीं है। खुले में ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि नमाज़ पढ़ने की यह प्रथा जो खुले में हुई है, यह बिलकुल भी सहन नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जिन 37 स्थानों को खुले में नमाज़ के लिए चिन्हित किया था, उन तमाम स्थानों की परमिशन को रद्द कर दिया गया है। नमाज़ को लेकर तनाव नहीं होने दिया जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुग्राम में सबसे पहले खुले में नमाज़ का साल 2018 में विरोध शुरू हुआ था, जो कुछ समय के लिए तो शांत रहा, लेकिन अब फिर से शुरू हो गया। मुख्यमंत्री खट्टर ने खुले में नमाज़ को लेकर कहा कि नमाज़ या कोई भी पूजा धार्मिक स्थानों में ही कि जानी चाहिए।