चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मिले पैरोल में कोई भूमिका होने से साफ इनकार कर चुके हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह तय करना कानून का काम है कि पैरोल के दौरान कौन क्या-क्या कर सकता है।
खट्टर का यह बयान पैरोल पर पिछले सप्ताह रिहा किये गए राम रहीम द्वारा उत्तर प्रदेश के बरनावा स्थित आश्रम से ऑनलाइन धार्मिक आयोजन किए जाने की पृष्ठभूमि में आया है। इन आयोजनों में डेरा प्रमुख के तमाम अनुयायी शामिल हुए जिसमें हरियाणा से भाजपा के कई नेता भी हैं।
इस संबंध में सवाल करने पर खट्टर ने कहा, 'मैं कह रहा हूं कि यह देखना कानून का काम है... पैरोल पर रिहा हुए लोगों ने तो राजनीतिक रैलियां भी की हैं।'
खट्टर का राजनीतिक रैली करने के बारे में इशारा परोक्ष तौर पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की ओर प्रतीत होता है जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में पैरोल पर रिहा होने के बाद ऐसा किया था। खट्टर ने कहा कि तब क्या किसी ने आपत्ति की?
हरियाणा में होने वाले पंचायत चुनावों और आदमपुर उपचुनाव से पहले राम रहीम को पैरोल का मामला पंजाब और हाईकोर्ट पहुंच चुका है। याचिका में कहा गया कि सरकार ने अपने ही नियमों के खिलाफ जाकर राम रहीम को पैरोल दी है।
उल्लेखनीय है कि रोहतक की सुनारिया जेल से 40 दिनों का पैरोल लेकर डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम बरनावा आश्रम में है। वह रोज इंटरनेट पर ऑनलाइन आकर सत्संग करता है।
Edited by : Nrapendra Gupta