औरंगाबाद/मुंबई/लातूर। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। बाढ़ और बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई, वहीं एनडीआरएफ की टीमों ने 560 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान में मराठवाड़ा, मुंबई और राज्य के तटवर्ती कोंकण क्षेत्र में अगले 24 घंटों में बेहद भारी वर्षा होने की आशंका है।
मराठवाड़ा मध्य महाराष्ट्र का इलाका है जहां बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। यहां के आठ जिले औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड, बीड, जालना और हिंगोली में भारी तबाही हुई है। रविवार से जारी बारिश की वजह से 200 से ज्यादा पशु बह गए और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
मंजारा बांध से सटे इलाकों में भारी बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने के बाद अधिकारियों ने पानी की निकासी के लिए बांध के सभी 18 गेट खोल दिए। इससे बीड जिले के कुछ गांवों में बाढ़ आ गई जबकि पड़ोसी जिलों में चेतावनी जारी की गई है।
पिछले 48 घंटे में क्षेत्र के 6 जिलों में 10 लोगों की मौत हो गई। बीड में तीन, उस्मानाबाद और परभणी में दो-दो तथा जालना, नांदेड़ और लातूर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
महाराष्ट्र के लातूर में भारी बारिश के कारण बैराज, गांवों और एक नदी के किनारे फंसे लोगों को बचाने के लिए मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम, एक हेलीकॉप्टर और नावों को तैनात किया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि सरसा गांव में मांजरा नदी के तट पर फंसे 40 में से 25 लोगों को नाव की सहायता से निकाला गया है और बाकी 15 को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेनापुर तहसील के डिगोल देशमुख क्षेत्र में नदी में फंसे तीन लोगों को निकाला गया है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी साकिब उस्मानी ने बताया कि राज्य सिंचाई विभाग के तीन कर्मचारी घंसारगांव बैराज में फंसे हैं और एनडीआरएफ के एक दल तथा एक हेलीकॉप्टर को उन्हें बचाने के लिए तैनात किया गया है।