भोपाल। मध्य प्रदेश में हनीट्रैप के सनसनीखेज मामले में एक बार फिर नए सिरे से एसआईटी का गठन किया गया है। हनीट्रैप के इस हाई प्रोफाइल मामले के खुलासे और मामले की जांच को लेकर जिस तरह पुलिस मुख्यालय के अफसर आपस में भिड़े उसके बाद सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस मामले में सीधे दखल के बाद जहां एक नए सिरे से मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है वहीं इस मामले में डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले स्पेशल डीजी को भी लूप लाइन में भेज दिया गया है।
नए सिरे SIT का गठन – हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले की अब तक जांच पर मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी सामने आने के बाद अब इस मामले में नई एसआईटी का गठन किया गया है। अब तक मामले की जांच कर रहे एटीएस चीफ संजीव शमी को हटाकर उनकी जगह राजेंद्र कुमार के नेतृत्व में नई एसआईटी का गठन किया गया है। यह दूसरा मौका है जब इस मामले में नए सिरे से एसआईटी बनाई गई है।
हाईप्रोफाइल मामले की जांच के लिए सरकार ने जिस नई एसआईटी का गठन किया है उसका अध्यक्ष सायबर क्राइम के विशेष पुलिस महानिदेशक राजेंद्र कुमार को बनाया गया है। इसके साथ ही तीन सदस्यीय एसआईटी में सायबर क्राइम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मिलिन्द कानस्कर और इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र को शामिल किया गया है।
हनीट्रैप मामले की अब तक जांच करे एसआईटी चीफ संजीव शमी को भी मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। राज्य सरकार ने जिन 15 आईपीएस अफसरों को इधर से उधर किया है उसमें संजीव शमी का नाम भी शामिल है।
पुलिस मुख्यालय से जुड़े सूत्र बताते हैं कि प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले की जांच को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नाराजगी जाहिर की थी। पुलिस विभाग में हुए इस बड़े फेरबदल की आंशका उस वक्त से ही लगाई जा रही थी जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डीजीपी वीके सिंह समेत इस मामले से जुड़े अफसरों को मुख्यमंत्री निवास में तलब किया था।
नप गए स्पेशल DG STF पुरुषोतम शर्मा - इसके साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी के बाद हनीट्रैप विवाद में DGP वीके सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने एसटीएफ के स्पेशल डीजी पुरुषोतम शर्मा को सरकार ने हटा दिया है। सरकार ने पुरुषोतम शर्मा को एसटीएफ और सायबर क्राइम से हटाकर संचालक लोक अभियोजन संचालनालय भेज दिया है।
गाजियाबाद में एसटीएफ के किराए पर लिए गए मकान के तार हनीट्रैप मामले से जुड़ने और खुद डीजी एसटीएफ के DGP वीके सिंह के हनीट्रैप मामले के सुपरविजन से हटाने की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गहरी नाराजगी जताई थी जिसके बाद सरकार ने उनका तबादला कर दिया।