Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महामारी काल में अपनी परेशानियों को कम करने के लिए किसानों ने 'फल केक आंदोलन' शुरू किया

Advertiesment
हमें फॉलो करें महामारी काल में अपनी परेशानियों को कम करने के लिए किसानों ने 'फल केक आंदोलन' शुरू किया
, गुरुवार, 18 मार्च 2021 (11:34 IST)
पुणे। महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में फल उगाने वाले किसान एक नई पहल करते हुए बेकरी में बने केक की जगह फल से तैयार किए गए केक के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि इस 'स्वत:स्फूर्त आंदोलन' को सोशल मीडिया पर भी लोकप्रियता मिल रही है और इसका उद्देश्य किसानों और उनके परिवारों के खान-पान में फल के सेवन को बढ़ावा देना और कोविड-19 महामारी के इस दौर में उत्पाद बेचने का नया तरीका खोजना है।

 
किसान, उनके परिवार और कृषक समाज से जुड़े विभिन्न संगठन स्थानीय स्तर पर उगाए जाने वाले फलों जैसे कि तरबूज, खरबूज, अंगूर, नारंगी, अनानास और केले से बने केक का इस्तेमाल विशेष आयोजनों में करने को बढ़ावा दे रहे हैं। पुणे के कृषि विश्लेषक दीपक चव्हाण ने बताया कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में फल की उपज बढ़ी है और बाजार में मांग से ज्यादा यह उपलब्ध हैं जिसके कारण इसकी कीमतों में गिरावट आ रही है।
उन्होंने बताया कि किसानों को कोरोना महामारी और लॉकडाउन से नुकसान पहुंचा है और अब मांग से ज्यादा आपूर्ति की वजह से उनकी उपज को व्यापारी कम कीमत पर खरीद रहे हैं। चव्हाण ने बताया कि इस तरह की दिक्कतों से निपटने के लिए किसानों ने सोशल मीडिया पर एक पहल शुरू की। इसके तहत जन्मदिन, सालगिरह समेत अन्य मौकों पर फल से बने केक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि ऐसा प्राय: देखा जाता है कि फल उगाने वाले और उनके परिवार के सदस्य पर्याप्त मात्रा में फल नहीं खाते हैं। इस पहल की वजह से वे ऐसा कर पा रहे हैं और फल वाला केक, बेकरी में बने केक से बेहतर होता है, क्योंकि इसमें पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

CoronaVirus Live Updates : नंदूर में 30 बच्चे और शिक्षक कोरोना संक्रमित, पालघर में सभी स्कूल-कॉलज बंद