जम्मू। 7 दिनों से संगीनों के बीच ब्लैकआउट के साए में वादी-ए-कश्मीर आज (रविवार को) ईद के पहले दिन मिलने वाली छूट कर्फ्यू में ढील की आंख-मिचौनी के बीच गायब होने लगी है, क्योंकि ढील मिलते ही विरोध करने वालों की भीड़ जमा होने लगती है और माहौल खराब होने लगता है।
श्रीनगर में रविवार को एक बार फिर से कर्फ्यू जैसे हालात हो गए थे। बताया जा रहा है कि पुलिस के वाहन शहर में गश्त करते हुए लाउडस्पीकरों से घोषणा कर रहे थे कि लोग अपने घरों में लौट जाएं। इसके साथ ही दुकानदारों को कहा गया कि वे अपने शटर गिरा दें। ईद के मद्देनजर कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई थी, लेकिन एक बार फिर से भीड़ को जमा होने से रोक दिया गया है और सख्ती बरती जा रही है।
राज्य पुलिस ने शनिवार को ट्वीट कर दावा किया था कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अभी तक जम्मू और कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है और राज्य में कहीं भी हिंसा की कोई घटना नहीं दर्ज की गई है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि मामूली पथराव के बाद राज्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।
सरकार ने एक बयान में कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने लोगों से कश्मीर घाटी में गोलीबारी की कथित घटनाओं के बारे में फैलाई जा रहीं अफवाहों पर विश्वास नहीं करने को कहा है। सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के बकौल, शनिवार को भी श्रीनगर और अन्य जगहों पर ईद की खरीदारी के लिए काफी लोग बाजार में निकले थे।
हालांकि गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा था कि पिछले कुछ दिनों में कुछ विरोध प्रदर्शनों को छोड़कर कोई गंभीर घटना नहीं हुई है, हालांकि इन प्रदर्शनों में भी करीब 20 लोग ही शामिल हुए थे। प्रवक्ता ने कहा कि श्रीनगर और बारामूला में कुछ विरोध प्रदर्शन हुए हैं और इनमें से कोई भी 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हुए थे।