श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या एक दशक में पहली बार 300 पर पहुंच गई है। राज्य पुलिस के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यह चिंताजनक स्थिति है। कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान की देख-रेख करने वाले वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि कश्मीर में अब विदेशी नहीं बल्कि स्थानीय आतंकी अधिक नजर आ रहे हैं।
अतीत में कश्मीर में ऐसे स्थानीय युवकों की संख्या बहुत कम थी, जो आतंकवाद की ओर आकर्षित हुए थे लेकिन अब सब उलट हो रहा है और हाल ही के वर्षों में यह देखने को मिला है कि कश्मीरी आतंकवादियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वर्ष 2014 में, कश्मीर में आतंकवाद सबसे निचले स्तर पर था। तब कश्मीर में सक्रिय 80 उग्रवादी थे यह रचना थी कि 60 आतंकवादी पाकिस्तान से थे, जबकि 20 लोग स्थानीय थे। हालांकि 2017 में दृश्य पूरी तरह से बदल गया है। उन्होंने कहा कि इस साल कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों ने 300 के आंकड़े को छू लिया है जो एक दशक में सबसे ज्यादा है।
आतंकियों की संख्या की संरचना भी नाटकीय रूप से बदल गई है। इस आंकड़े में अब 80 प्रतिशत कश्मीरी आतंकवादी हैं, जबकि शेष गैर-स्थानीय हैं। पांच आतंकवादी हैं जो हाल ही में विनम्र जिला बड़गाम से जुड़ गए थे। आतंकवादियों का बड़ा हिस्सा दक्षिण कश्मीर से है। तीन आतंकवादी श्रीनगर से भी हैं जो हाल ही के दिनों में आतंकवाद का हिस्सा बने हैं।
हालांकि पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया। वैद ने कहा कि हमने उग्रवादियों की गिनती नहीं की है। जब हम करेंगे, हम आपको बता देंगे। सेना के चिनार कोर के अधिकारियों के बकौल फिलहाल कश्मीर में 240 से 250 तक सक्रिय उग्रवादी हैं। सेना के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अभी तक हमारी जानकारी के मुताबिक 150 आतंकी थे जिनमें अब इजाफा हुआ है।
नवंबर 2016 में राज्यसभा में पेश किए गए गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पूरे जम्मू-कश्मीर में करीब 200 आतंकवादी सक्रिय थे। गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने कहा था कि उपलब्ध इनपुट के अनुसार लगभग 200 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर राज्य में सक्रिय हैं, पर इनकी बढ़ती संख्या तथा स्थानीय नागरिकों की बढ़ती संख्या चिंताजनक स्थिति पैदा कर रही है।