rajasthan jat aandolan news : भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाटों को केंद्र की आरक्षण सूची में शामिल करने की मांग को लेकर भरतपुर में दिल्ली-मुंबई रेल पटरी के पास जयचौली में विरोध-प्रदर्शन शुरू किया।
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 22 जनवरी तक हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
फौजदार ने कहा कि वर्ष 2015 में नौ राज्यों सहित भरतपुर-धौलपुर के जाटों के आरक्षण को खत्म कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि जाटों को केंद्र की आरक्षण सूची में शामिल करने के संबंध में प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी गत 12 जनवरी को जिला कलेक्टर के जरिये भेजा गया था, लेकिन उस पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
CM भजनलाल की पहली परीक्षा : जाट आंदोलन का केंद्र राजस्थान का भरतपुर और धौलपुर जिला है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा खुद भरतपुर से ही आते हैं। जाट सड़क और रेल यातायात ठप करने की तैयारी में है। ऐसे में इस आंदोलन को भजनलाल सरकार के लिए पहली परीक्षा माना जा रहा है।
रेल पटरियों की सुरक्षा सख्त : जाट समाज के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रेक पर रेल पटरियों पर सुरक्षा सख्त कर दी है। जयचोली रेलवे स्टेशन के पास RPF और GRP जवानों को तैनात किया गया है।
26 सालों से आरक्षण की मांग : राजस्थान के जाट पहले सामान्य श्रेणी में हुआ करते थे। साल 1998 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने राजस्थान में भरतपुर-धौलपुर जिले के जाटों को छोड़कर शेष सभी को आरक्षण दिया। तब ये ओबीसी श्रेणी में आ गए।
तब से भरतपुर और धौलपुर जिलों में जाट समाज आरक्षण की मांग कर रहा है। 2013 में मनमोहन सरकार ने 2013 में जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया था लेकिन 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जाटों का OBC आरक्षण खत्म कर दिया। इसी मांग को लेकर जाटों ने एक बार फिर आंदोलन का ऐलान किया है।