पटना। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने जदयू छोड़कर नई पार्टी बनाने की घोषणा की है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तनातनी बढ़ने के बाद उपेन्द्र ने अलग पार्टी बनाने का फैसला किया है।
उपेन्द्र कुशवाह 2 साल पहले ही जदयू में आए थे। उन्होंने कहा कि बैठक के लिए चुनिंदा साथियों को पटना बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि पार्टी में बहुत बेचैनी है। आज से मैं नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत कर रहा हूं। साथियों को बड़े फैसले के लिए ही पटना बुलाया था।
बड़ा भाई 'जीरो' है, तो छोटा भाई मांगेगा क्या? : उन्होंने कहा कि जब नीतीश जी ने कहा था कि उपेन्द्र को जहां जाना है जाएं, तब हमने कहा था कि अपना हिस्सा लेकर जाएंगे, लेकिन अब जब हम देखते हैं कि बड़े भाई यानी नीतीश कुमार के पास कुछ है ही नहीं तो छोटा भाई मांगेगा भी क्या? कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश पर आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी को उन लोगों के पास गिरबी रख दिया है, जिन्होंने बिहार को बर्बाद कर दिया।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन बनने के बाद आरजेडी से कोई डील की गई है, इसकी चर्चा होने लगी। स्वयं नीतीश जी ने सार्वनिक रूप से यह कहना शुरू कर दिया कि वे बिहार का दायित्व राजद नेता को सौंपना चाहते हैं। तब उन्होंने राजद के एक नेता का नाम भी लिया था। हालांकि कुशवाहा ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका स्पष्ट इशारा तेजस्वी यादव की ओर था।
उन्होंने कहा कि हम कर्पूरी ठाकुर की विरासत ऐसे लोगों के हाथों में नहीं देना चाहते हैं, जिन्होंने बिहार को बर्बाद कर दिया है, मरोड़ दिया है। चूंकि हम राजनीति में हैं और ऐसे में हमारा कर्तव्य भी है कि हमें इस स्थिति के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। उपेन्द्र ने कहा कि पार्टी बर्बाद होते जा रही है और जनाधार भी लगातार खिसक रहा है। हमने मु्यमंत्री जी से कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। उपचुनाव परिणाम बताता है कि जनाधार हमसे खिसकता जा रहा है, पार्टी लगतार नीचे जा रहा है।
कुशवाहा ने कहा कि हमने यह मुद्दा कई बार उठाया है, मुख्यमंत्री नीतीश से भी इस बारे में बात की है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एक समय नीतीश जी कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के बाद फैसला लेते थे और खुद निर्णय लेते थे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala