नई दिल्ली। भाजपा (BJP) ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 52 उम्मीदवारों की पहली सूची रविवार को जारी की। मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर पूर्व से चुनाव लड़ेंगे जबकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चक्रधरपुर से चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य में प्रथम चरण के चुनाव के लिए नामांकन-पत्र दायर करने की अंतिम तिथि 13 नवंबर है, ऐसे में पार्टी ने पहली सूची जारी की है।
उन्होंने जोर दिया कि झारखंड में बहुत ही सकारात्मक सहयोग का वातावरण देखने को मिलता है। समाज के सभी वर्गों का समर्थन मुख्यमंत्री रघुवर दास को मिल रहा है। पिछले 5 सालों में भाजपा की सरकार के कारण व्यापक बदलाव देखने को मिला है, इसीलिए लोगों का समर्थन उभरकर आया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने सूची जारी करते हुए बताया कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहली सूची को अंतिम रूप दिया गया।
इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने की। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी आदि मौजूद थे।
सिंह ने बताया कि बोरियो से सूर्या हंसदा, दुमका से डा. लुईस मरांडी, कोडरमा से नीरा यादव, रांची से सीपी सिंह, हटिया से नवीन जायसवाल, राजमहल से अनंत ओझा, लिटीपारा से धनियाल किसकू, शिकारीपारा से पारितोष सोरेन, जामतारा से वीरेन्द्र मंडल, चतरा से जनार्दन पासवान, सिंदरी से राज सिन्हा, झरिया से रागिनी सिंह चुनाव लड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा की 81 सीटें है।
जेपी नड्डा ने कहा कि झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में भ्रष्टाचार रोका गया है। इसी के कारण प्रदेश विकास की ओर आगे बढ़ रहा है।
झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में और प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रीय नेतृत्व में सभी सरकारी योजनाओं के माध्यम से झारखंड की तस्वीर और तकदीर बदली है। इस कारण झारखंड में हम बहुत अच्छे से सरकार बनाएंगे ऐसा हमारा विश्वास है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया फैसला है। समाज के सभी वर्गों ने इसका स्वागत किया और सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाने के लिए वे 130 करोड़ जनता एवं सभी वर्गों को धन्यवाद देते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बहुत से विषय जो लंबे समय से रुके हुए थे चाहे वो अनुच्छेद 370 हो, जीएसटी हो, तीन तलाक हो, उनको निर्णायक मोड़ पर ले जाने का काम हुआ है।