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तमिलनाडु में आग लगने के बाद वन में 36 लोग फंसे, 15 बचाए गए

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थेनी , रविवार, 11 मार्च 2018 (23:41 IST)
थेनी।  थेनी (तमिलनाडु)। तमिलनाडु के पश्चिमी घाट में एक जंगल में आग लगने से ट्रैकिंग अभियान में शामिल नौ सदस्यों की मौत हो गई। राजस्व प्रशासन आयुक्त के. सत्यगोपाल ने संवाददाताओं को बताया कि नौ लोगों की मौत हो गई जबकि बचाए गए17 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।10 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं थी। स्थानीय पुलिस ने बताया कि मृतकों में से छह चेन्नई के थे और तीन इरोड से। इस बीच बचाव कार्य का जायजा लेने का लिएतमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीसामी थेनी रवाना हो गए।


थेनी की जिला कलेक्टर मरियम पल्लवी बलदेव के मुताबिक ट्रेकिंग अभियान पर निकली36 लोगों की टीम10 मार्च को कुरंगानी पहाड़ियों पर पहुंची थी। इस टीम में25 महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किए गए एक ट्वीट के मुताबिक भारतीय वायुसेना के चार हेलीकॉप्टर और 10 कमांडो राहत कार्य में जुटे हुए हैं। स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने बताया कि अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों वाले राहत दल पहाड़ियों में शिविर बनाकर काम कर रहे हैं।

कोयंबटूर के सुलुर एयरबेस से तैनात किए गए भारतीय वायुसेना के चार हेलीकॉप्टरों के अलावा अग्नियर और बचाव एवं वन विभाग, पुलिस के कर्मी और स्थानीय अधिकारी इन बचाव कार्यों में शामिल हैं। समीपवर्ती इलाकों के स्थानीय आदिवासी इन कार्यों में मदद कर रहे हैं। पल्लवी बलदेव के मुताबिक कोजुकुमलई में रात भर रुकने के बाद ट्रैकरों ने कल सुबह अपनी वापसी यात्रा शुरू कर दी थी। इस दौरान उन्हें जंगल में अचानक लगी आग के बारे में मालूम हुआ और सुरक्षित रास्ता ढूंढने के चलते वह बिछड़ गए। पश्चिमी घाट की कुरंगानी- कोजुकमलई पहाड़ियां बोदिनयकनूर के पास स्थित हैं जो थेनी से 40 किलोमीटर दूर है।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री सी विजयभास्कर ने बताया कि एक चिकित्सीय टीम ने कुरुंगनी पहुंचकर घायल ट्रैकरों को इलाज मुहैया कराया। उन्होंने बताया कि वहां एक चिकित्सकीय टीम भेजी गई है। नौ मरीजों को पहले ही बोदी के सरकारी अस्पताल भेजा जा चुका है और उन सभी की स्थिति स्थिर बनी हुई है।” मंत्री ने बताया कि घायलों में से एक की पहचान अनु नित्य के तौर पर हुई है जो 90 प्रतिशत तक जल चुकी हैं जबकि अन्य दो इलाकिया और सबिता 15-20 प्रतिशत तक जल गई हैं। मदुरई के जिला कलेक्टर वीरराघव राव ने बताया कि प्लास्टिक सर्जन वाली चिकित्सकीय टीम को इलाज मुहैया कराने के लिए मदुरई गवर्नमेंट राजाजी हॉस्पिटल भेजा गया है। सेना की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि सुबह से ही 16 गारुद कमांडो को बचाव कार्यों में लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि आठ कमांडों पहले ही चोटी पर पहुंच गए हैं और आग बुझाने का काम शुरू कर दिया गया है। विज्ञप्ति में बताया गया कि एक हेलीकॉप्टर ने पहले चरण का काम पूरा कर लिया है और आगे का काम जारी रखा है। जंगल में अब भी आगे की लपटें उठ रही हैं।

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