लॉ सबसे पुराना, संभ्रांत एवं श्रेष्ठ व्यवसाय है। यह बात मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर एवं रांका पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय परिसर में तीसरे मणिपाल रांका नेशनल मूट कोर्ट कॉम्पीटिशन के उद्घाटन सत्र में 1 अक्टूबर को भारत के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति माननीय न्यायाधिपति आरसी लाहोटी ने कही। उन्होंने विद्यार्थियों से श्रीमद्भगवत गीता सहित विभिन्न लेखकों की पुस्तकें पढ़ने का आह्वान किया।
न्यायाधिपति लाहोटी ने इस अवसर पर महात्मा गांधी एवं अलबर्ट आइंसटीन से प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने काले कोट के महत्व को समझाते हुए कहा कि हर वकील एवं जज को आध्यात्मिक होना चाहिए एवं उन्हें अपने कार्य में भी इसे समाहित करना चाहिए। उन्होंने एक अधिवक्ता के समस्त गुणों के बारे में चर्चा की।
उद्घाटन सत्र में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के माननीय नयायमूर्ति आरके अग्रवाल ने विद्यार्थियों से राइटिंग स्किल्स डेवलप करने को कहा। उन्होंने विधि व्यवसाय की नैतिकता, अधिवक्ताओं के कर्तव्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कठिन मेहनत को सफलता का मूल मंत्र बताया। साथ ही सभी विद्यार्थियों से इस मूट कोट कॉम्पीटिशन का लाभ उठाते हुए ज्यादा से ज्यादा सीखने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में माननीय न्यायमूर्ति कल्पेश सत्येंद्र झवेरी ने मूट कोर्ट के इतिहास, महत्व, उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने कहा कि मूट कोर्ट विद्यार्थियों में लॉ प्रोफेशन के प्रति स्किल्स डेवलपमेंट का कार्य करती है एवं इसकी वर्तमान समय में बहुत आवश्यकता भी है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन, प्रो. के. रामनारायण ने विद्यार्थियों से मूट कोर्ट के माध्यम से अपने टेलेंट को प्रदि प्रदर्शित करने की बात कही। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से चेतन, अर्धचेतन एवं अवचेतन मन को एकाग्र की स्थिति में रखते हुए मन लगाकर मूट कोर्ट के माध्यम से वकालत की स्किल्स को डेवलप करने का आह्वान किया।
विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रो. संदीप संचेती ने मणिपाल एज्यूकेशन ग्रुप एवं मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर की शैक्षणिक गतिविधियों, सुविधाओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, फेकल्टी, स्कूल, डिपार्टमेंट एवं कोर्सेस के बारे में बताया।
रांका पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन एनएम रांका ने गांधीजी के जीवन के बारे में प्रकाश डाला एवं सभी अतिथियों का परिचय दिया। साथ ही उन्होंने कोई भी इवेंट आयोजित करने से पहले गांधीजी को नमन करने को कहा एवं गांधीजी की आजाद भारत से अपेक्षाओं को साकार करने की बात कही।
विश्वविद्यालय की डीन फेकल्टी ऑफ आर्ट एंड लॉ प्रो. मृदुल श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों का स्वागत उद्बोधन के माध्यम किया। कार्यक्रम के अंत में संभव रांका ने सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के आरंभ में सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया एवं अंत में सभी को स्मृति चिंह भेंट किए गए। उद्घाटन कार्यक्रम से पूर्व सभी अतिथियों ने विश्वविद्यालय परिसर में न्यूऑडिटोरियम से स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण किया एवं कार्यक्रम के बाद विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया।
विश्वविद्यालय की डीन फेकल्टी ऑफ आर्ट एंड लॉ प्रो. मृदुल श्रीवास्तव ने बताया कि इस तीसरे मूट कोर्ट कॉम्पीटिशन में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, ओडिशा, जम्मू एंड कश्मीर सहित संपूर्ण भारत से 86 टीमें भाग ले रही हैं। इनमें विजेता टीमों को 3 अक्टूबर को आयोजित समापन समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया एवं इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम में उर्मिला रांका, जस्टिस जेके रांका, ओपी अग्रवाल, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसपी गुप्ता, रोटेरियन प्रदीप कोठारी, नीलेश मेहता, लता टोडरवाल, एमयूजे के प्रो-प्रेसिडेंट प्रो. एनएन शर्मा, डीन, रिसर्च एंड इनोवेशन, प्रो. बीके शर्मा, डीन, फेकल्टी अफेयर्स, प्रो. अवधेश कुमार, डॉ. विजय लक्ष्मी, डॉ. अनिल मेहता, डॉ. एनडी माथुर, वरिष्ठ अधिवक्तागण, फेकल्टी सदस्य, कर्मचारी, विद्यार्थी सहित शिक्षाविद् एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। साथ ही कार्यक्रम में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका से आए अतिथियों का स्वागत भी किया गया।