उज्जैन। कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामकर राज्यसभा में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी के दौरान बाल-बाल बच गए। घटना रामघाट के ऊपर राणा जी की छतरी की है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें यह पूरी घटना कैद हुई है।
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया शाही सवारी का पूजन करने पहुंचे थे। सिंधिया राणा जी की छतरी से रामघाट की ओर जा रहे थे, तभी उनके कार्यकर्ताओं द्वारा धक्का-मुक्की के दौरान पत्थरों की रेलिंग उनके ऊपर गिरते-गिरते बची। घटना के बाद सिंधिया कुछ देर रुककर कार्यकर्ता पर नाराज भी हुए।
सिंधिया का कारवां सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था। हमेशा साए की तरह रहने वाले मध्यप्रदेश शासन के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट आगे आगे चल रहे थे, ठीक पायलट की तरह लेकिन तभी कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की में पत्थर की रेलिंग गिरने लगी। गिरती रैलिंग को साथ चल रहे सुरक्षा गार्डों ने पत्थरों को संभाल लिया। यदि ये पत्थर छिटककर सिंधिया के पैरों पर गिरते तो उन्हें चोट लग सकती थी।
सिंधिया के समर्थक बड़ी संख्या में उनके पीछे आ रहे थे। सुरक्षा कर्मी और पुलिस इन्हें संभाल रही थी लेकिन जैसे ही पत्थरों के रैलिंग गिरने की घटना हुई, सुरक्षा कर्मी भिन्ना गए और उन्होंने धक्का-मुक्की कर रहे समर्थकों को बल पूर्वक पीछे धकेला।
इससे पहले भगवान महाकालेश्वर की शाही सवारी धूमधाम से निकाली गई। पालकी में विराजित मनमहेश जैसे ही महाकाल मन्दिर परिसर से बाहर आए, कड़ाबीन और धमाकों से लोगों को राजाधिराज के आने की सूचना दी गई। समूचा परिवर्तित सवारी मार्ग ध्वज, वंदनवार एवं गुब्बारों एवं फूलों से सजाया गया था।
सवारी के लिए मार्ग में लाल कालीन बिछायी गई। सवारी के आगे नगर के राजा के सम्मान में घुड़सवार दल चल रहा था। पीछे पुलिस बैंड ‘ओम नम: शिवाय’ की धुन बजाते हुए निकला। इसके पूर्व महाकालेश्वर मन्दिर के सभा मण्डप में भगवान श्री मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन पुजारी घनश्याम शर्मा द्वारा किया गया एवं उन्हें पालकी में विराजित किया गया। सभा मण्डप में संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा ने सपत्नीक भगवान मनमहेश का विधिवत पूजन-अर्चन किया एवं आरती उतारी।
परिवर्तित मार्ग अनुसार भगवान महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मन्दिर से बड़ा गणेश मन्दिर होते हुए हरसिद्धि मन्दिर चौराहा पहुंची। यहां से झालरिया मठ और बालमुकुंद आश्रम होते हुए सवारी रामघाट पर पहुंची, जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया, उच्च शिक्षामंत्री डॉ. मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री कमल पटेल, सांसद अनिल फिरोजिया द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना की गई।