Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कैराना जैसे हालात जबलपुर में भी, दहशत में हिन्दू

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kairana
जबलपुर , शनिवार, 11 जून 2016 (16:30 IST)
जबलपुर। उत्तर प्रदेश का कैराना कस्बा इन दिनों राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में नहीं है। शामिली जिला के इस कस्बे से करीब 350 हिन्दुओं को ध‍मकियों और आतंक के माहौल के बाद अपना घर परिवार छोड़कर पलायन करना पड़ा। लेकिन अब खबर है कि कैराना जैसे हालात जबलपुर की कुछ जगहों पर भी हैं जहां हिन्दू आबादी अल्पसंख्यक होने के कारण दहशत में है।
जबलपुर शहर के चार खंभा, ठक्करग्राम, सिंधी कैंप, नया मोहल्ला, छोटी ओमती और गढ़ा कामुजावीर मोहल्ला में हिन्दू आबादी अल्पसंख्यक है। यहां रहने वाले समुदाय को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 
 
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कैरान से 346 हिंदू परिवार के पलायन करने के बाद मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने एक बार फिर मीडिया से बातचीत करते हुए पलायन करने वाले करीब 346 परिवारों की सूची जारी की है। हुकुम सिंह ने बुधवार को भी इस पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि कैराना को कश्मीर बनाने की साजिश की जा रही है। सांसद ने 10 ऐसे लोगों की सूची भी जारी की जिनकी हत्या रंगदारी न देने पर कर दी गई।
 
बुधवार को सांसद हुकुम सिंह ने नगर पालिका परिसर में प्रेसवार्ता के दौरान कैराना में बहुसंख्यक समुदाय पर अत्याचार पर कहा कि उन लोगों को जान बूझकर प्रतिष्ठान छोड़ने पर मजबूर किया गया, जो अपना व्यापार कर रहे थे। इनमें से ज्यादातर लोहा, सर्राफा और हार्डवेयर से जुड़े थे। उनसे जबरन वसूली की गई और बाद में घर, प्रतिष्ठान छोड़ने पर मजबूर किया गया। उन्होंने पलायन कर रहे लोगों की तुलना कश्मीरी पंडितों से करते हुए कहा कि कैराना में हालात बद से बदतर हैं।
 
हुकुम सिंह ने कहा कि गांव जहानपुरा में पहले 60 हिंदू परिवार थे। अब यहां एक भी हिंदू परिवार नहीं है। पंजीठ से भी कई परिवार पलायन कर चुके हैं। पंजीठ गांव से पलायन रोकने के लिए वह खुद प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जिले के हालात को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पिछले दिनों अपनी मुलाकात का जिक्र भी किया। सांसद ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ खुद प्रकरण को लेकर काफी गंभीर हैं और जून के अंत में कैराना आएंगे। इस मामले की आईबी से जांच भी कराई जाएगी।
 
वहीं, शामली के डीएम सुजीत कुमार ने पत्रकारों के सामने दो टूक लहजे में प्रशासन का पक्ष रखा और कहा कि अभी इस मामले में किसी की तरफ से शिकायत नहीं मिली है। एक हिंदी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, डीएम ने कहा कि अभी तक बस एक ही नेता (हुकुम सिंह) की तरह से ही पलायन को लेकर बयानबाजी की जा रही है। अगर पलायन के ठोस सबूत मिले तो निश्चित तौर पर प्रभावी कदम उठाएं जाएंगे। (एजेंसी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महंगाई रोकने में मोदी सरकार नाकामयाब : राहुल