भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। आज देर रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को विधायक दल का नेता चुने जाने की घोषणा केंद्रीय पर्यवेक्षक ए के एंटोनी द्वारा किए जाने के साथ ही उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया।
संभावना है कि कमलनाथ मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को शपथ लेंगे, हालाकि इस संबंध में अभी आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह यहां ऐतिहासिक लाल परेड मैदान पर होगा। कमलनाथ शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलेंगे और उसके बाद शपथ ग्रहण समारोह की तिथि व स्थान का ऐलान करेंगे।
छह माह में की तैयारियां और सरकार बनाई : पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कमलनाथ को इसी वर्ष अप्रैल माह में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान सौंपकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी। कमलनाथ ने लगभग छह माह में ही विधानसभा चुनाव की तैयारियां कीं और 12 दिसंबर को सुबह घोषित किए गए अंतिम नतीजों के साथ ही पार्टी 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई। दोपहर तक तय हो गया था कि अब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
नाटकीय घटना क्रम : बुधवार शाम कांग्रेस विधायक दल की पहली बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नेता के चयन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकृत किया गया। बैठक में मौजूद केंद्रीय पर्यवेक्षक ए के एंटोनी यह प्रस्ताव लेकर बुधवार की रात ही दिल्ली रवाना हो गए थे। बाद में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली पहुंचे और गांधी से सभी ने मुलाकात की।
गुरुवार देर रात हुई तस्वीर साफ : गुरुवार देर रात दिल्ली से एंटोनी अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ भोपाल पहुंचे और कांग्रेस विधायक दल की दूसरी बैठक में कमलनाथ को दल का नेता चुने जाने की जानकारी दी। इसके साथ ही कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। उनके नाम का प्रस्ताव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। दो दिन से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के आसपास जश्न का माहौल है और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए कार्यकर्ता अपने नेता के समर्थन में नारे लगाने के साथ ही पटाखे फोड़कर और मिष्ठान वितरण कर खुशियां मना रहे हैं।
इंदिरा गांधी ने आज के दिन मुझे जनता को सौंपा था : मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता कमलनाथ ने कहा कि 13 दिसंबर का दिन उनके जीवन में काफी मायने रखता है और कई वर्षों पहले इसी दिन पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने उन्हें जनता को सौंपा था।
मुझे पद की कभी कोई भूख नहीं रही : कमलनाथ ने यहां रात्रि में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कई वर्ष पहले आज ही के दिन श्रीमती गांधी छिंदवाड़ा आईं थीं और मुझे जनता को सौंपा था।
उन्होंने कहा कि वे स्वर्गीय श्रीमती गांधी, संजय गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पद की कभी कोई भूख नहीं रही और न ही कोई मांग रही। मैंने अपना पूरा जीवन बिना किसी पद की भूख के कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया को धन्यवाद : इस पद को मील का पत्थर बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि अगला समय चुनौती का है। हम सब मिलकर हमारा वचन पत्र पूरा करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पिता दिवंगत माधवराव सिंधिया के साथ उन्होंने काम किया है। इसलिए इनके समर्थन पर मुझे खुशी है। कमलनाथ आज रात (13 दिसंबर) ही कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जाने के साथ ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।