नई दिल्ली/ बेंगलुुरू। कर्नाटक सरकार में मंत्री डी शिवकुमार द्वारा कर्नाटक के सांसदों को महंगा आईफोन तोहफे में दिए जाने पर बवाल मच गया। भाजपा ने इसे ‘लोकतंत्र के लिए लज्जा’ की बात करार दिया।
इस मुद्दे को लेकर जहां जदएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार आलोचनाओं के निशाने पर आ गई वहीं कुमारस्वामी ने कहा कि वह तोहफा दिए जाने के बारे में कुछ भी नहीं जानते और इस बारे में उनके साथ विचार विमर्श नहीं किया गया।
यह तोहफा कर्नाटक के 40 सांसदों को उस बैठक से पहले दिया गया जो कुमारस्वामी ने नई दिल्ली में कावेरी सहित राज्य से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए बुलाई थी। इस बैठक में आज से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा होनी थी।
कर्नाटक भाजपा ने ट्वीट कर कहा, 'श्री एच डी कुमारस्वामी सरकार के पास सांसदों को महंगे उपकरण देने के लिए पर्याप्त धन है किन्तु वह किसानों का ऋण माफ नहीं कर सकती। वह छात्रों को निशुल्क बस पास नहीं दे सकती। वह तटवर्ती एवं उत्तरी कर्नाटक के विकास के लिए धन आवंटित नहीं कर सकती। यह सरकार लोकतंत्र के लिए लज्जा है।'
इससे पहले सरकार की ओर से राज्य के 40 सांसदों को आईफोन बांटने के फैसले पर सवाल उठाते हुए भाजपा के सांसद राजीव चन्द्रशेखर ने महंगा फोन लौटा दिया और कहा है कि ऐसे समय जब किसान और स्थानीय निकाय के कर्मचारी संकट का सामना कर रहे हों राज्य को जनता का पैसा बर्बाद नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, 'मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि एजेंडा फोल्डर के साथ आपकी सरकार ने एक लाख रुपए से ज्यादा कीमत का महंगा आईफोन मुझे भेजा है। मेरी अंतरात्मा यह फोन स्वीकारने की इजाजत नहीं देती और मैं इसे आपको लौटा रहा हूं।'
बहरहाल जल संसाधन मंत्री शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने यह आईफोन अपनी तरफ से दिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई रिश्वत नहीं है और यह केवल एक संकेत के रूप में दिया गया है।
उन्होंने कहा, 'मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं किंतु कुछ भाजपा सांसदों ने मुझे काल किया और मुझे धन्यवाद दिया...पिछली बार की तरह इस बार भी कुछ ने लिया और कुछ ने नहीं लिया।'