कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज शहर में 26 जनवरी को हुई हिंसा की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) करेगी। आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय आनंद ने बताया कि कासगंज की घटना के लिए चार सदस्सीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि कासगंज घटना के सिलसिले में अब तक छह मामले दर्ज कराए गए हैं। अब तक कुल 129 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना का मुख्य आरोपी सलीम कर्वी फरार है। उन्होंने बताया कि कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने गोदाम रोड पर एक परचुन की दुकान में लगा लगा दी जिसे तत्काल बुझा दिया गया।
इस बीच अलीगढ़ जोन के पुलिस महानिरीक्षक डॉ संजीव गुप्ता ने बताया कि कासगंज घटना में सोशल मीडिया पर राहुल उपाध्याय नामक व्यक्ति को मृत दिखाया गया। राहुल उपाध्याय ने कहा कि वह घटना के दिन कासगंज से 15 किलोमीटर दूर अपने गांव में था। उसके मारे जाने की अफवाह सोशल मीडिया पर फैलाई गई। अफवाह फैलाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि अन्य अफवाह फैलाने वालों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। राहुल ने बताया कि उसको उसके दोस्तों ने बताया कि तुझे फेसबुक और सोशल मीडिया में श्रंद्धाजलि दी जा रही है तो उसको समझ में नहीं आया कि वो क्या करे। कासगंज में हिंसा का दौर चल रहा था इसलिए वो सामने नहीं आया। आज जब स्थिति साफ हुई तो उसने पुलिस के सामने आकर स्थिति स्पष्ट की।
आज मृतक चंदन की उठावनी और श्रद्धाजंलि का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने प्रभु पार्क में शोकसभा की। अभी भी कासगंज में धारा 144 लगी है। कासगंज में आज जिला अधिकारी आरपी सिंह ने सभी स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए थे, लेकिन आदेश के बाबजूद कासगंज में स्कूल कॉलेज नहीं खुले।
गौरतलब है कि 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान कासगंज कोतवाली क्षेत्र में दो गुटों के बीच पथराव और फायरिंग में एक युवक की मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद अफवाहों के चलते दो दिन तक आगजनी की घटनाएं हुई। आज शहर में चहल-पहल रही, लेकिन रात होते ही उपद्रवियों ने एक दुकान को आग लगा दी जिसे तत्काल बुझा दिया गया। (वार्ता)