वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुछ छात्रों ने वर्चास्व की लड़ाई को लेकर बुधवार को एक-दूसरे पर पथराव किया और पेट्रोल बमों से हमले किए, जिससे कई छात्र घायल हो गए और तनाव को देखते हुए यहां बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया है।
विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि बिड़ला छात्रावास के दो छात्रों को लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के कुछ छात्रों द्वारा बंधक बनाने की अफवाह के बाद कल आधी रात छात्रों के बीच टकराव शुरु हो गया। दोनों छात्रावासों के बहुत से छात्र अपने हाथों में पत्थर एवं लाठी-डंडे लेकर सड़क पर आ गए। उन्होंने एक-दूसरे को निशाना बनाकर पथराव एवं पेट्रोल बमों से हमले किए और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंच गए। पुलिस एवं विश्वविद्यालय के सुरक्षाबलों की मौजूदगी में कल आधी रात से आज तड़के लगभग चार बजे तक रुक-रुक पथराव होता रहा। चीफ प्रॉक्टर प्रो. रोयना सिंह ने छात्रों को समझाने की कोशिशें कीं, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ।
हालत बेकाबू होते देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। इस आधार पर बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस पीएससी के जवानों के साथ पहुंची। पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा छात्रों को समझाने-बुझाने और कार्रवाई करने की चेतावनी पर छात्र शांत हुए। विश्वविद्यालय अधिकारी ने घायल छात्रों का विवरण नहीं दिया है।
उल्लेखनीय है कि गत पांच मई को आशुतोष मौर्य नामक छात्र पर चाकू से हमले के बाद यहां तनाव शुरु हुआ था। तब से विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से छात्रों के बीच विवाद हल करने की कोशिशें की गईं, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशुतोष परीक्षा देने जा रहा था, तभी विश्वविद्यालय परिसर में हिंदी विभाग चौराहे के पास कुछ युवकों ने चाकू एवं लोहे की रॉड से हमला कर उसे घायल कर दिया था। आशुतोष के पेट एवं अन्य हिस्सों में चोटें आईं थी। फिलहाल उसकी हालत में सुधार है।
उन्होंने बताया कि पांच मई को दिनदहाड़े हुई घटना के बाद लाल बहादुर शास्त्री एवं बिरला छात्रावास के छात्र आपस में भिड़ गए थे। उन्होंने एक-दूसरे पर पथराव किया था। इसके बाद पुलिस बुलानी पड़ी थी। तब से ही तनाव बना हुआ है। (वार्ता)