श्रीनगर। कश्मीर में हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने एवं उसके बाद हुई घातक हिंसा के मद्देनजर कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों और अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हड़ताल के कारण गुरुवार को लगातार 6ठे दिन जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
श्रीनगर के कुछ हिस्सों, उत्तरी कश्मीर के कुछ इलाकों और दक्षिणी कश्मीर के 4 जिलों में लोगों के आवागमन पर शनिवार सुबह लगाए गए प्रतिबंध गुरुवार को भी लागू रहे। अधिकारियों ने कहा कि घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं।
हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और आज एक और युवक की मौत होने से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है।
स्थानीय मीडिया ने हालांकि मृतकों की संख्या 40 बताई है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और अन्य प्रमुख दलों ने लोगों से शांति की अपील की है। अलगाववादियों ने भी युवाओं से पुलिस थानों और शिविरों पर हमले न करने और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की है।
इस बीच अलगाववादी समूहों द्वारा आहूत हड़ताल से घाटी में जनजीवन भी प्रभावित हुआ। अलगाववादी समूहों ने घाटी में हाल में हुई हिंसा के बाद हड़ताल की अवधि शुक्रवार तक के लिए बुधवार को बढ़ा दी।
अधिकारियों ने कहा कि दुकान, निजी कार्यालय, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप बंद रहे और सरकारी कार्यालयों एवं बैंकों में बहुत कम लोगों की उपस्थिति देखी गई। उन्होंने कहा कि लगातार 6ठे दिन सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे जबकि उन इलाकों में निजी कारें और ऑटो रिक्शा चलते दिखाई दिए, जहां प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। (भाषा)