तिरुअनंतपुरम। केरल से एक ऐसा मामले सामने आया, जिसने राज्य के सरकारी स्कूलों की स्थिति के सामने प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। केरल के खाद्य मंत्री जीआर अनिल जब छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की समीक्षा करने के लिए कॉटन हिल के एलपी स्कूल गए, तो उन्हें परोसे जाने वाले भोजन में ही उन्हें बाल का कतरा मिल गया। जब मंत्री भोजन में से बाल निकाल रहे थे, तब वहां मौजूद मीडिया कर्मियों ने इस दृश्य को कैद कर लिया। बाद में स्कूल प्रबंधन ने दूसरी थाली में मंत्री को ताजा खाना परोसा।
इस घटना ने राज्य सरकार की कई योजनाओं के तहत स्कूली बच्चों को मिड-दे मील में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठा दिए हैं। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने स्वीकारा कि स्कूल में स्टाफ की कमी होने की वजह से छात्रों के लिए तैयार किए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
खाद्य मंत्री ने कहा कि इसे एक सामान्य घटना के तौर पर देखा जाना चाहिए, कभी-कभी ऐसी गलतियां हो जाती हैं। हालांकि, मैंने स्कूल प्रबंधन को और अधिक सतर्क रहने तथा स्वच्छता को ध्यान में रखकर भोजन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मंत्री ने कहा कि राज्य के कई सरकारी स्कूलों में कुकिंग स्टाफ की कमी है। इसी स्कूल में एक हजार बच्चों के लिए सिर्फ 2 कुकिंग स्टाफ मौजूद हैं। इसलिए ऐसे सभी स्कूलों में खाना बनाने के लिए जल्द ही नए लोगों को भर्ती किया जाएगा।
देखा जाए तो केरल सरकार की मिड-डे मील योजना से प्रतिदिन लगभग 20 लाख छात्रों को लाभ होता है। लेकिन, ये योजना स्कूलों को दिए जाने वाली आवश्यक खाद्य वस्तुओं की व्यवस्था करने में असमर्थता जैसी समस्याओं से घिरी हुई है। आज भी राज्य के कई स्कूलों को सब्जी, नारियल आदि आवश्यक चीजों के लिए स्थानीय लोगों और गैर-सरकारी संगठनों से मिलने वाली मदद के भरोसे रहना पड़ता है।