Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बारिश के कारण किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित, 413 तीर्थयात्रियों को बचाया, 617 सड़कें अवरुद्ध

Advertiesment
हमें फॉलो करें Kinnaur Kailash Yatra

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शिमला , बुधवार, 6 अगस्त 2025 (17:02 IST)
Kinnaur Kailash Yatra postponed: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भारी बारिश के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होने से किन्नौर कैलाश यात्रा (Kinnaur Kailash Yatra) को स्थगित कर दिया गया और 413 फंसे हुए श्रद्धालुओं को बचाया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ने के कारण तंगलिप्पी और कांगरंग में 2 अस्थायी पुल बह जाने के बाद श्रद्धालु फंस गए थे।
 
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने 'एक्स' पर बचाव कार्यों के वीडियो साझा किए जिनमें श्रद्धालु नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे तक जिपलाइन के जरिए जाते देखे जा सकते हैं। किन्नौर जिला प्रशासन को पैदल मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों के बारे में एक आपात सूचना मिली। अधिकारियों ने बताया कि इसकी प्रतिक्रिया में आईटीबीपी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बचाव अभियान शुरू किया।ALSO READ: क्या है कैलाश पर्वत या मानसरोवर झील में शिव जी के डमरू और ओम की आवाज का रहस्य?
 
भारी नुकसान के बाद किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित : किन्नौर जिला प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर बारिश के कारण हुए भारी नुकसान के बाद किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश पैदल मार्ग या तो खतरनाक रूप से फिसलन भरे हो गए हैं या भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
 
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए, किन्नौर कैलाश यात्रा को अगली सूचना तक अस्थायी रूप से स्थगित किया जा रहा है। वर्तमान में मार्ग पर मौजूद तीर्थयात्रियों को मिलिंग खाटा और गुफा में सुरक्षित रूप से ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
 
किन्नौर कैलाश को भगवान शिव का शीतकालीन निवास माना जाता है : किन्नौर कैलाश को भगवान शिव का शीतकालीन निवास माना जाता है। किन्नौर कैलाश यात्रा 15 जुलाई को शुरू हुई थी और 30 अगस्त को इसका समापन होगा। राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और 4 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 617 सड़कें अवरुद्ध हैं और कई जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद करने पड़े हैं।ALSO READ: कैलाश पर्वत के शिखर पर आज तक कोई क्यों नहीं चढ़ पाया?
 
राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी है। भारत मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार रात से कसौली में 145 मिलीमीटर, धर्मपुर में 122.8 मिलीमीटर, गोहर में 120 मिलीमीटर, मलरांव में 103.2 मिलीमीटर, बग्गी में 95.9 मिलीमीटर, नगरोटा सूरियां में 93.4 मिलीमीटर, नैना देवी में 86.4 मिलीमीटर, सुंदरनगर में 80.3 मिलीमीटर, कांगड़ा में 71.4 मिलीमीटर, बिलासपुर में 70.4 मिलीमीटर, धौलाकुआं में 67 मिलीमीटर, मंडी में 65.8 मिलीमीटर, शिमला में 64.4 मिलीमीटर और धर्मशाला में 64 मिलीमीटर बारिश हुई।ALSO READ: कैलाश मानसरोवर भारत का हिस्सा क्यों नहीं है? जानिए कब और कैसे हुआ भारत से अलग?
 
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि बुधवार को 4 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 617 सड़कें अवरुद्ध हो गईं जिनमें 377 सड़कें मंडी जिले की और 90 कुल्लू जिले की हैं। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-21), ओल्ड हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग (एनएच-5), मंडी-धर्मपुर (एनएच-3) और औट-सैंज मार्ग (एनएच-305) वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिए गए।
 
उन्होंने बताया कि सोलन जिले में कोटी के पास चक्की मोड़ पर अवरुद्ध हुए शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। शिमला जिले के सुन्नी, कुमारसैन, चौपाल, डोडरा क्वार, जुब्बल, ठियोग और रामपुर उपखंडों, मंडी जिले के करसोग और सुंदरनगर, कुल्लू जिले के निरमंड और सोलन जिले के कुछ उपखंडों में स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी सहित शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। शिमला शहर के कई स्कूलों ने छुट्टियों की घोषणा कर दी है या ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने के लिए कहा है।(भाषा)
 
Edited by : Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के बीच PM मोदी का बड़ा कदम, करेंगे चीन और जापान का दौरा